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( १६५ ) और द य को फतक बढ़ाकर प्रबिन्दु से अफरेखा सदया बय की समानान्तर खोंचो
(१सा०३१) उ१०--अब अप आयत बराबर है अदऔर स य आयतों के योग के
लेकिन अयक्षेत्र अवऔर बस का धरातल है क्योंकि वह अब और बय का धरातल है जिनमें से वय बराबर है वस के ___ और अदक्षेत्र अस और सब का धरातल है क्योंकि सद बराबर है सब के और स य क्षेत्र वस परका बर्गहै
इसलिये अब और वस का धरातल बराबर है बस पर के बर्ग और अस और बस के धरातल के योग के फल-दूसलिये अगर कोई सीधी रेखा आद्योपान्त-यही साबित करना थाटि०१- यह साध्य भी इस अध्याय की पहली साधाकी एक खास सूरत है पहली साधा में अगर एक सीधी रेखा दो हिस्सों में बांटी गयी है और उनमें से एक हिस्सा दूमरौ सीधी रेखा के बराबर होतो पहली साधा और यह साधा एक होजायंगी.
टि. २. अगर दूसरी और तीसरी साधाों में अब और बस जुदी २ रेखा ख़याल की जावें तो अस उन रेखाओं का अंतर होगा और इसलिये दोनों साधा एक ही दावे में इस तरह बयान होंगी कि दोनों रेखायों का धरातल और उनमें से एक रेखा परके बर्ग का फर्क बराबर होगा उस धरातल के जो उस रेखा और दोनों रेखाओं के अन्तर से बनताई
वीजगणितीय साधन फूल करो कि अब लंबाई में अ पैमाने है और बस लंबाई में म और असलंबाई में न पैमाने है
__ तो अम+न इन बराबर जीज़ों को म से गुण दिया इसलिये मxव्यम+मन यानी अगर कोई ग्रंक दो हिस्सों में बांटा जाय तो कुल अंक और उसके एक हिस्से का गुणनफल बराबर होता है उस हिस्से के वर्ग और दोनों हितों के गुणनफल के योग के
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