Book Title: Rekhaganit
Author(s): Atmaram Babu
Publisher: Atmaram Babu

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Page 192
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १९८ ) (३४) ग्यारहवीं साधामें अगर सह रेखा बहकर बफ से ल विन्दु पर मिले तो सल फ समकोन है (३५) ग्यारहवीं साधा में अगर बय और सहरेखा न विन्दु पर मिलें तो अन रेखा स ह रेखा के साथ समकोन बनावगी (३६) अगर अब रेखा स बिन्दु पर ऐसे दो हिस्सों में अस और सब में बांटी गई हो कि अब और बस का धरातल बराबर हो अस परके वर्ग के तो साबित करो कि अब और बस परके बर्गीका योग तिगुना होगा अस परके बर्गका और अब और बस के योग परका वर्ग पांचगुना होगा अस परके बर्गका (३७) अबस समकोन त्रिभुज है जिसके बस कर्ण पर अ द लम्ब डाला गया है और जिस की अब बड़ी भुजा परका वर्ग बराबर है बस और अस के धरातल के साबितकरो कि बस करण द बिन्दुपर कटता है जैसा कि दूसरे अध्याय की ११वीं साध्य में होता है। (३८) अबस समत्रिभुज है जिसके अब बड़े हुए भुजपर द एक ऐ. सौ बिंदु है कि सद रेखा परका वर्ग दूना है अब परके बर्ग का सावितकरो कि अद बिंदु ब पर मिस्ल ११वीं साध्य के कटेगी (३६) अब स समकोन त्रिभुज है जिसका अ कोन समकोन है और जिसकी अब भुज अस भुज से दूनी है अगर अब में से अह बराबर बस और अस के ग्रन्तर के काटी जावे तो अब विंदु ह पर मिस्न ११वीं साधा के कटेगी साधा १२.प्रमेयोपपाद्य सास -अगर अधिक कोन त्रिभुज के किसी न्य न कोन से उस सामने की बढ़ी हुई भुज पर लंब डाला जाय तो अधिक कोन के सामने के भुज परका बर्ग उन दो भुजों परके बगौ से जिनसे अधिक कोन बनता है बड़ा होगा बकदर उस धरातल के दूने के जो उस भुज जिसके बढ़े हुए हिस्से पर लंब गिरा है और उस रेखा से बनता है जो दर्मियान लंब और अधिक कोन के है For Private and Personal Use Only

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