Book Title: Rekhaganit
Author(s): Atmaram Babu
Publisher: Atmaram Babu

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Page 195
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir के एक कोन से दूना हो तो उमके अ ब भुज घर का बर्ग ब स और सस भुजों के वर्गो से बकदर ब स और स अ के धरातल के अधिक होगा (४१) त्रिभुज अ स ब समविबाहु है अ द रेखा ऐसी खींची गयी है जो ब स बड़ी हुई से द बिंदु पर मिलती है कि ब द और द स का धरा तल बरावर है त्रिभुज अ ब स के किसो सुज पर के वर्ग के माबित करो कि अ द पर का वर्ग दूना है त्रिभुज अब स के किसी भुज परक वर्गका (४२) ऐसा समदिबाहु अधिक कोन त्रिभुज बनायो कि अधिक कोन के सामने की भुज परका जग उसकी हर भुज पर के बर्ग से तिगुना हो साध्य १३ प्रमयापपाद्य सा० स० किसी त्रिभुज के किसी न्य नकोन के सामने की भज पर का बर्ग उन दो भुजों पर के वर्गों से जिनसे वह न्यू न कोन बनता है बक़दर उस धरातल के टूने के जो उन भजों में से किसी भज और उस रेखा से बनता है जो दर्मियान न्यू नकोन और उस लंब के है जो उस भुज पर उसके सामने के कोन से डाला गया है बि. सत्र फज करो कि अबस त्रिभुज है और उसका व न्यू नकोन है और उसकी भज बस या बल भुज बढ़ी हुई पर उसके सामने के अकोन से प्रद अ लंब डालागया है तो अस भुज । घर का बर्ग जो व कोन के सामने बद स । है सबौरव अपरके बगी से छोटा होगा बकदर -१ सब और बद के दूने धरातल के उप. चूंकि सब रेखा द बिंदु पर और बद रेखा स बिंदु पर बांटी गयी है ___इसलिये सव और वद परके बर्ग सिलकर बराबर है सब ओर बद के दूने धरातल और सद परके बर्ग के सा __ इन दोनों बराबरों में से हर एक गें द पर का गेम लाया For Private and Personal Use Only

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