Book Title: Rekhaganit
Author(s): Atmaram Babu
Publisher: Atmaram Babu

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Page 203
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (५६) उम विंटु को जहां किमी भमानान्तर चतुभ ज के कणे यास में एक दूसरे को काटते हैं केन्द्र मानकर हत्त खींचा गया है मामिलकरी कि उन रेखायों परक बोंका योग जो उत्त की परिधि के किन्नी बिद्र से समानान्तर चतुभुज के कोनों तक खौंवी गयी हैं हमेशा ह एक ही मि. कदार होगी (५७) किमी वृत्त के व्यास अब में स और द बिंदु उम को केंद्र में कररावर दूरी पर लिये गये और परिधि के किसी विंदु य से य स और यद रेखा खींची गई हैं मामितकरो कि यस और य द परके जर्ग मिल. कर बराबर हैं अस और अद परक वर्ग के (५८) अ बस ममस्त्रिबाहु त्रिभुज में अद और ब य भुज बस और स अ पर लम्ब हैं और एक दूसरे को विंदु फ पर काटते हैं सावित करो कि अब परका वर्ग तिगुना है अफ पर क वर्गका (५६) अगर त्रिभुज की भुजों के बीचोंबीच के बिंदुव्यों से उनक सामने के कोनों तक रेखा खींची जावें तो इन रेखायों परके बों की योग का चौगुना बरावर होगा त्रिभुज को भुजों पर के बगों के योग तिगुने के (६०) अगर दस और य अ और फ ब रेखा जो किमी अब स त्रिभुज के अब और बस और स अ भुजों के बीचों बीच के द और य और फ बिंदुओं से उन भुजों के मामने के कोनों तक स्वींची गई है ज बिंदु पर मिले माविताकरी कि जअ और जब और ज स परक वर्गांक योगका तिगुना वरावर है अब और बस और स अ परक बगांक योगक (६१) बर्ग क्षेत्र के भीतर जो सबसे छोटा बर्ग बनेगा वह उस वर्गका बाधा होगा (१२) एकादये हर बग के बराबर एक ऐमा ममकोन समानान्तर चतुभुज बनायो जिम दो पाम की भुजों का योग एक दी हुई रेखा के बराबरहा (६३) एक दिधे हर वर्ग के बराबर एक रोमा ममकोन समानान्तर चतुभुज बनायो जिमको पामकी दो भुजाओं का अन्तर एक दी हुई रेखा के बराबर हो (६४) अब स द ममानान्तर चतुभ ज का व्यगर अस कण बराबर हो अव के तो अस कर्ण परका बग बद कण परक वा से बस परकी वर्ग के दूने के समान छोटा होगा। (६५ ) अगर अब स द बग के कोनों से अ य और द ह और बफ और स ज लम्य किसी य ह फ न रेखा पर गिराये जाय तो अब और For Private and Personal Use Only

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