________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
( २०५ )
चंकि सम+न क्योंकि अ द ब समकोन है
और ब=न+(अ-म) क्योंकि अ द स समकोन है
इमलिये से ब-म (अ-म)
-म-अ+२अम-म
२
=-अ+२अX म
इसलिये अ+स-ब+२x अX म
५
यानी छोटा है ग्र+म से बकदर २४ अर्म के दूसरी सूरत देखो अव द स लम्बाई में (म-अ ) पैमाने है
चंकि म-म+ने क्योंकि अदब समकोन है
और ब-(म-ठा)+न क्योंकि अदस समकोग है
इसलिये स-ब-म-(म-ग्र)
-म-म+२४ य
म
-ग्र
=२४ यम-अ
इमलिये अ+म-ब+२४ ग्रम
यानी व छोटा है ग्र+स से वकदर २४ ग्रxमके तीसरी सूरत देखो इस सूरत में म बराबर है य के
और ब+य-स
इन दोनों बराबरों में से हरएक में अमिलाया
इसलिये ब+२x -अ+म
पानी बमोटा
+समें कटर x चा ४ ला
For Private and Personal Use Only