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( १६७ ) इसलिये सव भुज बराबर है स ज भुजके (१ सा. ६) लेकिन वस बराबर है जक के और स ज बराबर हैवक
(१सा० ३४) इसलिये व स स ज ज क और कब सब आपस में बराबर हैं और क्षेत्र सजकव समभुज क्षेत्र है
और ऐसेही सब कोन उस के समकोन हैं
क्योंकि जब सज रेखा बक रेखा की समानान्तर है और बस उन पर गिरती है क बस और बस ज कोन मिलकर दो समकान के बराबर है
( १ सा. २८) लेकिन कवस समकोन है
(१ प. ३०) इसलिये बस ज भी समकोन हुआ
और इसलिये स ज क और ज क व कोन भी जो उन के आमने सामने हैं समकोन हुए
(१ सा० ३४ ) इसलिये स ज बक समकोन चतुर्भज है और वह समभज पहले साबित होचुका है इसलिये वह वस पर का बर्ग है
और ऐसेही दलील से हफ बर्ग हज पर का है और हज बराबर अस के है
(१ सा० ३४) इसलिये ह फ और स क बर्ग अस और सव पर हुए और चूंकि अज पूरक बराबर है ज य पूरक के (१ सा०४३)
और अज पूरक अस और सव का धरातल है क्योंकि जस बराबर है सब के इसलिये ज य बराबर है अस और सब के धरातल के
इसलिये अजऔर ज य मिलकर बराबर हैं अस और सब के धरातल के दूने के और हफ और सक बर्ग हैं प्रस और सब पर के
इसलिये चारों क्षेत्र हफ, सक, अज और ज य बराबर हैं अस और सब परके बगों और अस और सब के हुने धरातल के योग के
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