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( १३२. ) इसलिये फकलम समानांतर चतुर्भज है
और चूंकि समानांतर चतुर्भुज हाफ बराबर चिभ ज प्रवद के और समानांतर चतर्भ ज जम बराबर त्रिभु ज ब दस केबनाये गये हैं
इसलिये कुल समानांतर चतभुज क फ ल म बराबर हुआ कुल ऋणुभ ज क्षेत्र अवसाद के
इसलिये दिये हुए ऋजुभ ज क्षेत्र अब सद के बराबर समानांतर चतुभ ज कल बनगया जिसका कोनफकम बराबर दिये हुए कोन च के है इसी समानांतर चतुज के बनाने को जरूरत थी
अनुमान इस साधासे माफ़ नाहिर है कि दीहुई सीधी रेखा पर दिये हुए ऋजुभ ज क्षेत्र की बराबर एक समानान्तर चतुर्भज जिसका एक कोन दिये हर कोन की बराबर हो इस तरह बनसक्ताहै कि पहले दीहई रेखा पर चवालीमवी माधवकी मदद से त्रिभुज अब द के बराबर समानान्तर चतुर्भुज बनायो जिसका एक को दिये हुए कोनके बराबर हो टि. यह साधा चार भुजके अट जुभ ज क्षेत्रको मुरतमें हल की गई है जब
भ, ज़ क्षेत्र में चार से अधिक भुज होतीमहे उस ऋजुभ ज तेत्रको उम् के किमी कोनसे सामने के कोज तकमीधी रेखा खींचकर निम जोंमें बांटो और फिर रेखा ल स पर तीसरे त्रिभ ज के बराबर एक गला भमानान्तर चतुज बनायो जिसका नाक कोन विन्टु म पर कोन ब के बराबर हो और इसी तरह सब त्रिभुजों के बराबर जिनमें बाजुभुज क्षेत्र बांटागया है समानान्तर चतुर्भज बनायो
अभ्यास (१२ नो या जियादा स ज क्षेत्रों के योग के बराबर टाकायत बनायो (१७३) दोनभ जात्रों को पाक जमकर का काम समानान्तर चतुर्भज बनायो
साध्य ६ वस्तूपपाद्य सा ही हुई सीधीरेखा पर एक बगले बनाश्री मिज माज़ करो कि अब दो हुई सीधी रखा है इस ५ बगरमाना।
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