________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
( २४५
गुलत मावित कर चुके होतो का दावा भी जिसको तुमने मही
फर्ज़ किया था गलत है
(५) अगर यह नतीजे तुम्हारे नावित किये हुए नतीजों में से किसी के मुताबिक नहीं हैं तो उन नतीजों से और नये २ गतीजे निकालते जाओ जब तक कि वह नये नतीजे उनके मुताबिक ही जिनका कि तुम नहीं या भुलत होना जानते हो
साध्यप्रमेयोपपाद्य - अगर समति किसीबिंदु द से लंब दय और दफ मुज अन कर बराबर
विभुज बस के के और
कस पर
जाय
तो यह नो किसी कोन से उस कोसामने की भुज पर गिराया जायगा विवेचना- फजे करतो कि साध्यका दावा जो तुम्हे सात्रित परा मही है यागी लंब दय और दफ मिलकर बरावर हैं तंब बज केजी कोन
अवस से भुज अस पर गिराया गया है।
न
स
द
व
दावे के सहीफज़ करलेने से यह नतीजा निकला कि जब बज का कोई हिसा जह दफ के बराबर है तो दूसरा शिखा वह दय के बराबर है फिर अगर दह मिलाया गया तो इस नतीजे से एक और नतीजा निकला कि यदब और हवद ऐसे दो विभुज है जिनकी सुन बद और हब बराबर हैं - और भुञ यद दोनों हमें उपविष्ट है और कौन यदब और बद ग्राधार बस पर के बराबर कोनों बस और असद के कोटि होने के नाम से व्यापन में वरावर हैं और इसलिये पहले प्रध्धाय की चौधी साध्य से त्रिभुज बराबर हैं और कोन दब कोन वयद के बराबर है और इसलिये ममकोन है यौ ममकोन संजय के बराबर है इसलिये यह ईसवीं मायासे दह गौर अस आपस में मसानान्तर में ना हम इम व्याखिर नतीजे से साधा को पर्यालोजना के तरीके से इस तरह पर नाहित करते हैं
1
पा
For Private and Personal Use Only
फ
य
-2
पर्यालोचना बिंदुद से दह समानान्तर अस की खींचो
चकि दहज
मानान्तर चतुभु जड़े इसलिये दफ बराबर है हज के ( लाइ ४) किन बहद उन्तीव साघासे नमकीन सजब के बराबर है इस
लिये समकोन है
इसलिये कोन बहद समकीन दयब ' के बराबर है
और कोन हद और यदव भी व्यापम में बराबर हैं क्योंकि उनमें से हर एक मा विभु के आधार पर के कोनों का कोटि है.