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( १६२ ) इसी तरह पर अगर ब और स किमी अायत की दो पाम की भुजों के पैमानों की तादाद को ज़ाहिर करें तो ब और स का गुणनफल यानी बx स आयत क्षेत्र के बर्ग पैमानों की तादाद को जाहिर करेगा इसलिये मालूम हुध्या कि उन तरीकों के वसौले से जो हमने ऊपर बयान किये हैं हर यायत क्षेत्र के क्षेत्रफल के परिमाणको बयान करसती हैं और उसकी सब ख़ासियतों पर जिन पर रेखागणित की रू से बहस होती है बी. गणित की रू से वहस करमतो हैं लेकिन जब बऔर स की जगह पर कोई खास मोल यानी मान २ या ३ या ४ इत्यादि रखना चाहे तो कामी २ ऐसा मालूम होता है कि दो परिमाण जिनको हम ब और स से ज्यान करते हैं एकानपवर्ता राशि हैं और चंकि गेसी हालत में कोई ममापबर्तक या पैमाना गो वह कैसाही छोटा लिया जाय नहीं दांपत हो. माता जियो वसोले से हरा उस प्रायत की मुजों की लम्बाई का अंदाजा कर सकें इसलिये इस हालत में कोई ठीक मान व और स की जगहों में नहीं काम में लासक्त हैं और इसलिये उस यायत का क्षेत्रफल हिमाव की रू से ठीक नहीं दयाफत हो सकता है ___ अब कि हमने यह बात जाहिर करदी कि रेखा व धरातल वर;
और ग्रंक में क्या सम्बन्ध है और क्या फर्क है इसलिये हम इस किताब में दसरे अध्याय की उन माथ्यों का जिनका सुबूत वीजगणित से हो सका बीजगणितीय साधन उनके आगे लिखेंगे
पहली साध्यका बीजगणितीय साधन फ़ज़ करो कि बस रेखा की लम्बाई अ पैमाने है और अरेखा की लम्बाई ब पैमाने है और बट,दय और यस रेखायों की लम्बाई क्रमसे म.न और कपैमाने हैं चंकि कुल अपने सब हिस्सों के बराबर होता है इसलिये अम+न+क अगर इन बराबरों में से हरएक को ब से गुणदें तो अब== बर(म+न+क) इसलिये अX बबX म+वxन+बxक
इसलिये उन दो अंकों का गुणनफल जिनमें से एक कई हिस्मों में बांटागया है बराबर है उन गुणनफलों के योग के जो बिना टुकड़े किये अंक को टकड़े किये अंक के हर हिस्से से गुण देने से हासिल होते हैं
यानी ( अगर इन गुणनफलों के अर्थ रेखागणित की रू से खयाल किये जावें) वर्ग पैमानों की तादाद जो गुणनफल अx बसे बयान होती है बराबर है उन बर्ग पैमानों की तादाद के जो ब+म,बx न और बxक के गुणनफलों के योग से दर्यात होती है
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