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( ८६ )
यी गयीहै कि ज ह बराबर है स ज के तोसाबित करो कि फ ब और हब एकही सीधी रेखा में हैं (६) एक ऐसा समदिबाहु त्रिभुज बनायो कि उसक आधार पर के हरएक कोन की तिहाई उसके शीघकोन के प्राधे के बराबर हो (७) अब और अस ऐसी दो मीधी रेखा हैं जिनका मुकाम दिया हुआ है इन दोनों रेखाओं में ऐसे दो बिंदु म और क र्याफत करो कि अगर म और क मिलाये जावे तो अम और म क मिलकर एक दी हई सीधी रेखा के बराबर हों और उनके बीच का कोन एक दिये हए कोन के बराबर हो (८) समविवाहु त्रिभुज के अाधार के सिरों से प्रदीर्घ से दूर मिस्त में ऐसी दो रेखा खींची गयी हैं कि उनमें से हरएक ग्राधार के साथ रोमा कोन बनाती है कि वह त्रिभुज के बराबर कोनों में से हरएक का तिहाई है और यह रेखा और त्रिभुज के भुज बहकर ग्रायस में मिलते हैं तो ना. वित करो कि तीन त्रिभुज जो आधार के नीचे पैदा होंगे वह सम विवाद
(E) दो सीधी रेखा अ य ज और स य द विंदु य पर एक दूसरी को काटती हैं और सीधी रेखा अस और दब दो त्रिभुज अ स य और ब य द बनाती हुई खींची गयी है और कोन अस य और दव व रेखा सफ और बफ से जो बिंदु फ पर मिलती है दो दो वराबर हिस्सों से बटते हैं माबित करो कि कोन य अ स और य द ब मिलकर कोन स क ब से दूने हैं (१००) अगर त्रिभुज के किसी कोन से उस कोन के सामने की भुज के वीचों बीच के बिंदु तक रेखा खींची जाय तो वह रेखा उस भुज को आधे के बराबर या उसके व्याधि से बड़ी या छोटी होगी सुताविक इनके कि कोन जिसे रेखा खींची गयी है समकोन या अधिक कोन या न्यूनकोन है (१०१) त्रिभुज का कोई कोन समकोन या अधिक कोन या न्यनकोन होगा मुताबिक इसके कि धोरेखा जो उस कोन से उसके मामने के भुज के बीचों बीच के बिंदु तक खींची जाय उस भुज के प्राधे के बराबर या उसके आधे से उड़ी या छोटी होगी ( १०२) त्रिभुज अब स के कोन असे उसके सामने के भुज पर एक
व गिराया गया है और यह लब उस मज या उसके बहर हिस्से से विंदद पर मिलता है और कोन ब से उसके सामने के भुज पर एक लंब गिराया गया है और यह लंब उस भज या उसके बाद हुए हिस्से से बिंदु य पर मिलता है तोदो सीधी रेखा जो द और य बिंदुओं से प्राधार अ ब के बीचों बीच के बिंदु तक खींची जायंगी आपस में बराबर होंगी
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