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टि० (२) उक्त दस ने समकोन बनाती हुई रेखा और लम्ब रूप रेखायों में यह फर्क रक्खा है कि जब रेखा किसी दूसरी रेखा के एक बिन्दु से ग्यारहवीं माध्य के अनुसार खींची गई है उसको उक्त दल ने समकोन बनाती हुई रेखा कहा है और जब रेखा किनी बिन्दु से जो दूसरी रेखा के बाहर है बारहवीं माध्य के अनुसार उस रेखा पर डाली गई है उनको उक्त दस ने लम्ब कहा है लेकिन इस समय के लिखने वाले इस फ़क़ का कुछ भी ख़याल नहीं करते और हर एक को दूसरी की जगह इस्तेमाल करते हैं
अभ्यास
(२५) गर किसी त्रिभुज के शीर्ष से व्याधार पर लख डाला जावे और वह लम्ब आधार को दो बराबर हिस्सों में बांटे तो वह त्रिभुज समद्दिवाहु होगा
(२६) दो दिये हुए बिन्दुयों से जो दी हुई रेखा के आमने सामने की तर्फी' में है ऐसी दो रेखा खींचो कि वह दी हुई रेखा से ऐसे बिन्दु घर मिलें कि उनसे बने हुए कोने के दी हुई रेखा से दो बराबर हिस्से हों पौर यह भी बयान करो कि किस हालत में इन रेखाओंों का खींचना नामुमकिन होगा
साध्य १३ प्रमेयोपपाद्य
सा० सूत्र - जो कोन एक सीधी रेखा दूसरी सीधी रेखा के साथ
उसकी एक तरफ़ बनाती है वह या तो दो समकोन होते हैं या दोनों मिलकर दो समकोन के बराबर होते हैं वि० सूत्र फ़र्ज़ करो कि अब सीधी
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रेखा सदसोधी रेखा के साथ उसके एक रफ़ सब अ और अब दकोन बनाती है तो यह कोन या तो दो समकोन होंगे मिलकर दो समकोन के बराबर होंगे
क्योंकि अगर स ब अ कोन अ ब द कोन के बराबर है तो उनमें से हरएक समकोन है
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रेखा खींचो
उप० तो स ब य और य ब द कोन दो समकोन हैं
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अगर स ब अ कोन अब द कोन के बराबर नहीं है
अं० ब बिन्दु से स द के साथ समकोन बनाती हुई बय
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सा० ११
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