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(सा. ५) या उससे बड़ा या छोटा (सा. १८) होगा जैसा कि पहिले कोन के सामने की भुज दूसरे कोन के सामने की भुज के बराबर या उससे बड़ी या छोटी हो” और “ त्रिभुज की एक भुज दूसरी सुज के बराबर (साई) या उससे बड़ी या छोटी (सा.१६) होगी जैसा कि पहिली भुज के सामने का कोन दूसरी भुज के सामने के कोन के बराबर या उससे बड़ा या छोटा हो
इन चारों साध्यों के ग्राएस के सम्बन्ध को हम इस तरह पर भी बयान करके जाहिर करते हैं
साध्य ५ अगर अब सुज=अस त्रिभुज तो स कोन =ब कोन | साध्य ६ अगर स कोन = ब कोन तो अब भुज- असभुज
साध्य १८ अगर अब भुज , अस भुज तो स कोन , ब कोन (साध्य १६ अगर स कोन > ब कोन तो अब भुज , अस सुन दो दो साध्य जो कोष, रेखायों के अन्दर है एक दुसरी का बिलोम हैं क्योंकि जो बात एक में कल्पित अर्थ की जगह पर है वह दसरी में फल की की जगह पर है टि० (२) साध्य १६ यतिरेक युक्ति से साबित की गई है
अभ्यास (३७) अद् रेखा अब स त्रिभुज के अ कोन के दो बराबर हिस्से करती है और उसकी ब स भुज से द बिंद पर मिलती है साबित करो कि ब अ बड़ी है ब द से और स अ बड़ी है स द से __ (३८) अगर बर्गक्षेत्र के किसी अ कोन से एक रेखा उसके सामने की भुजों में से एक को काटती हुई और दूसरी के बने हुए हिस्से से फ बिंदु पर मिलती हुई खींची जाय तो अफ उस वर्ग क्षेत्र के कर्ण से बड़ी होगी
(३८) जितनी सीधी रेखा किसी बिन्दु से एक दी हुई रेखा तक खींची जाय उनमें से लम्ब सब से छोटी होगी और जो रेखा लम्ब के नजदीक होगी वह दूर की रेखा से छोटी होगी
साध्य२० प्रमेयोपपाद्य सा० सत्र- त्रिभुज की हर दो भुज मिलकर तीसरी से बड़ी होती हैं
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