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(५८) टि. (१) याद रक्खो कि जिन दो भुजों को तीसरीसे बड़ी अ सावित करना चाहते हो उन दो भुजों में से किसी एक भुज को उस तरफ बहाने से जिधर वह दोनों भुज मिलती / हैं और बड़े हुए हिस्से को दूसरी के बराबर बनाने से यह साध्य साबित होगी टि. (२) यह साध्य इस तरह भी साबित हो सकती है
व अस कोन के अय रेखा से दो बराबर हिस्से करो (सा. ६) अव ब य अकोन य अ स कोन से बड़ा है (सा. १६) ले किन य अ स कोव य अब कोन के बराबर बनाया गया है इसलिये ब य अकोन य अब कोन से बड़ा है और इसलिये अब बड़ी है बय से (मा०१६) इसी तरह साबित होसक्ता है कि अस बड़ी है य स से इसलिये ब अ और अस मिल कर बस से बड़ी है
टि० (३) इस साध्य का यह अनुमान हो सका है कि दो बिन्दुओं के मियान सीधी रेखा सबसे छोटी दूरी है क्योंकि अबिन्दु बस रेखा से कैसा ही नज़दीक क्यों न हो ब स हमेपाह ब अ और स अ से छोटी है
टि. (४) इस माध्य की मदद से यह आसानी से साबित होसक्ता है कि त्रिभुज की किसी दो सुनों के दर्मियान का फर्क तीसरी भुज से छोटा होता है क्योंकि जिस सूरत में ब अ और अस मिल कर ब स से बड़ी हैं अगर इन दोनों बा बराबर में से अस निकाल ली जावे तो ब अ बड़ी होगी उस फ़क से जो ब स और अ स के दर्मियान है
अभ्यास (४०) त्रिभुज की तीनों भुन मिल कर हरभुज के दूने से बड़ी होती हैं
(४१) अगर किसी बिन्दु से त्रिभुज के तीनों कोनों तक रेखा खींची मांय तो यह तीनों रेखा मिल कर त्रिभुज की तीनों भुजों के योग के आधे से बड़ी होंगी (४२) चतुर्भज को चारों भुज मिलकर दोनों कणों के योग से बड़ी होती है
(४३) त्रिभुज की दो सुन मिलकर उस सीधी रेखा के जो तीसरी भुज के बीचों बीच के बिन्दु से उस भुज के सामने के कोन तक खींची जाय दूने से बड़ी होंगी
(४४) अगर किसी बिन्दु से चतुर्भुज के चारों कोनों तक चार सीधी रेखा खोंची जायं तो वह चारों मिल कर चतुर्भुज की चारों भुजों के प्राधे से बड़ी होंगी
(४५) हर चतुर्भुज के कणों का योग उन चार रेखाओं के योग से छोटा होता है जो किमी बिंदु से चतुर्भुज के चारों कोनों तक खींची जाय परन्त उस बिंदु पर कर्ण एक दूसरे को न काटें
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