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( ६३ )
इसलिये फ क बराबर है फ द के परि० १५ लेकिन फ द बराबर अ के बनायी गयी है इसलिले फ क बराबर अ के है स्व० १ फिर चूकि ह क ल वृत्त का ज केंद्र है। इसलिये ज क बराबर है जह के परि० १५ लेकिन ज ह बराबर स के बनायी गयी है इसलिये ज क बराबर स के है
और फज बराबर व के बनायी गयी है इसलिये कफ, फज और जक तीन सीधी रेखा अलग २ बराबर हैं अ, ब और स के
और इसलिये क फज त्रिभज की कफ, फज और जक तीनों भुज अलग अलग बराबर हैं दी हुई तीन अव और स सीधी रेखाओं के और ऐसे ही त्रिभुज के बनाने की ज़रूरत थी टि. १ दी हुई तीन सीधी रेखात्रों में से हरएक दो का मिलकर तीमरी से बड़ी होना इसलिये ज़रूर है क्योंकि बगैर इस शर्त के साध्य का हल होना नामुमकिन है ।
टि. २ बाज़ लोग उली दस पर यह ऐतराज़ करते हैं कि हत्तों का जो इस साध्य के हल करने के लिये खींचे गये हैं आपस में कटना साबित नहों किया है लेकिन इस पते पर कि द फ, फज और ज ह सीधी रेखायों में से हरएक दो मिलकर तीसरी से बड़ी हैं खयाल करने से साफ जाहिर है कि उत्त ग्रापस में एक दूसरे को काटेंगे क्योंकि इस किताब का म. हुने वाला जो जरा भी अली रखता होगा फौरन समक जावेगा कि वृत्त जो फ केंद्र से फ द दूरी पर खींचा है फ ह सीधी रेखा को फ और ह विंदुओं के दर्मियान काटेगा क्योंकि फ ह बड़ी है फ द से और वृक्त जो ज केंद्र से ज ह दूरी पर खींचा है द ज सीधी रेखा को द और ज विंदुओं के दर्मियान काटेगा क्योंकि द ज बड़ी है ज ह से और यह वृत्त ज़कर आपस में कटेंगे क्योंकि याद और ज ह मिलकर फज से बड़ी हैं
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