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(५१)
(२) पाठवौं शकल को अन्वी साधन से सिद्धि करो ताकि सातवीं साध्य की ज़रूरत न रहे
(३) क्या नौवों साध्य में यह ज़रूर नहीं है कि समत्रिबाहु त्रिभुज अ से दूर बनाया जावे
(४) बताओ कि पहिली साध्य में किस तरह रेखा के दो बराबर हिस कर सकते है
(५) साबित करो कि ग्यारहवीं शकल नवौं शकल की एक ख़ास सूरत है
(६) दो ख़त मुस्तकीम (सीधी रेखा) हिस्सा शामिल नहीं रखते क्या यह अनुमान पहिले भौ किसी साध्य में मान लिया गया है
(७) किन मरतों में वे सीधी रेखा जो त्रिभज के छन्त: कोनों के दो बराबर हिस्से करते हैं त्रिभुज के कीनों के सामने के भुजों या भुज को भी दो बराबर भागों में बांटते हैं (जवाव) सिर्फ एक सुजा यामी ग्राधार को जब समदिबाहु त्रिभुज होता है और कुल भुजों को जब समित्रबाहु त्रिभुज होता है
(८) क्या १२ वी साध्य में अपरिमित रेखादी हुई होने की प्रतज़रूर है
() १३ वीं शकल में कौनसी वस्तपपाय साध्या की जरूरत पड़ी है क्या किसी प्रमेयो पपादा साध्य की भी जरूरत पड़ी है (जवाब) नहीं खि स्वयं मिड्डियों को
(१०) अगर दो रेखा एक दूसरे को काटें तो वे कितने कोने बनावेंगी (११) १४ वौं श क ल में कौन से तीन खत एक बिन्टु में होकर गुज़रते है (१२) १४ वौं साध्य के दावे में कौनसी शर्त की ज़रूरत है। (१३) १५ वी साध्य का बिलोम बयान करो और साबित करो (१४) १३, १४, १५, साध्यों का क्या मजमून है (जवाब ) कोन जो एक बिन्दु पर बनते हैं
. साध्य १६ प्रमेयोपपाय सा० सत्व-- अगर किसी त्रिभुज की एक भुज बढ़ाई जाय तो वहिः कोन अपने सामने के हरएक अन्तः कोन से बड़ा होगा
वि० सत्र- फज़ करो कि अब स त्रिभुज की ब स भुज किसी द बिन्दु तक बढ़ाई गयी है
तो अस द बहिः कोन अपने सामने के हर /\M एक स अब और अब स अन्तः कोनसे बड़ा होगा ।
अं. अस के य बिन्दु पर दो बराबर हि. व स मसे करो
सा. १०
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