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(३५)
फल इसलिये अगर एक ही आधार पर और उसकी एक हो तरफ़ दो विभन आद्योपान्त यही साबित करना था
टि. (१) इस माध्य का काम सिफ पहिले नध्याय की अावी साध्य के माबित करने में पड़ता है सो ग्राठवीं साध्य का संबत दूसरे तौर पर भी हो सकता है और उस सबूत में इस साध्य की कुछ जरूरत नहीं पड़ती है
टि. (२) उक्त दस ने इस माध्य के साबित करने में साध्य के नतीजे के खिलाफ को सही मान कर उससे अाखिर को ऐसौ दो बातें निकाली है जो एक दूसरी के विरुद्ध हैं यानी एक कोन दूमरे कोन से बड़ा और उसके बराबर भी है इस किस्म के सुबूत का इस्तेमाल उक्त दम ने सिर्फ इसी साध्य में किया है और किमी दूसरी जगह पर नहीं किया है
टि० (३. याद रखना चाहिये कि एक ही आधार पर उसके एक हीतरफ ऐसे दो त्रिभुन होमती है कि उनकी वह सुज जिनके सिर ग्राधार के एक सिरे पर हों आपस में बराबर हों मगर वह सुज जिनके घिरे आधार के दूसरे सिरे पर हों नावराबर हों
अभ्यास (१६) साबित करो कि दो वृत्त अपने केन्द्रों को मिलाते हुए रेखा एक योर सिर्फ एक विन्दु पर और दो से ज़ियादा विन्दु यो पर एक दूसरे को नहीं काट सक्त है
साध्य ८ प्रमेयोपपाद्य सा० सत्र अगर एक त्रिभुज की दो भुज दूसरे विभुज की दो भ ज के अलग अलग बराबरहों और उनके आधार भी आपस में बराबर हों तो कोन जो एक विभुज की दो भुजों से बनता है बराबर होगा दूसरे विभुज के उस कोन के जो उन भुजों की बराबर वाली भुजों से बनता है
वि० सूत्र फ़र्ज़ करो कि अब स विभुज की दो भुज अब और अस विभुज द य फ की दय और दफ भुजों के अलग अलग बराबर है यानी अब बराबर द य के और अस बराबर दफ के है और बस आधार भी । य फ़ आधार के बराबर है तो ब अस कीन बराबर होगा यदफ कोन के
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