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(२१)
इसलिये अबस समाविबाह विभुज हुषा
और वह दो हुई अब सीधी रेखा पर बनगया और इसी के बनाने की जरूरत थी
टि. इस साध्य में उक्त दस ने इस स्वयं सिवि को मान लिया है कि जब एक वृत्त का केंद्र दूसरे वृत्त की परिधि में हो तो उस वृत्त का कुछ हिस्सा दूसरे वृत्त के अन्दर होगा और कुछ हिस्सा बाहर इसलिये उन वृत्तों की परिधि एक दूसरी को दो बिन्दुओं पर काटेंगी चंकि उन बिंदुओं में से एक बिन्दु दो हुई रेखा के एक तरफ और दूसरा दूसरी तरफ़ होगा इसलिये दो समत्रिबाहु त्रिभुज उस रेखा पर बनेंगे और दोनों विभुज मिलकर एक विषमकोन समचतुर्भुज बनजायगा जिसका कर्ण दी हुई रेखाहोगी
अभ्यास (१) पहिली साध्य में अगर अब दोनों तरफ इतना बढ़ाया जाय कि यह वृत्तों से बिन्दु द और य पर मिले और स द और सय मिलाए जाय तो साबित करो कि विभुन स अद औरस बय समद्विबाहु त्रिभुज है
(२) दी हुई परिमित सीधी रेखा पर एक ऐसा समद्विबाहु त्रिभुन बनायो जिसकी हर एक भुजा दी हुई रेखा से दूनी हो
साध्य २ वस्तूपपाद्य सा० सत्र-दिये हुए बिन्दु से एक ऐसी सीधी रेखा खींचो जो दो हुई सोधी रेखा के बराबर हो
वि०मत्र-फर्ज करो कि अदिया हुआ बिंदु और ब स दी हुई रेखा है
असे बस की बराबर एक सीधी रेखा । खौंचनी है अं०-अ से ब तक सोधो रेखा सौंची
और उस पर समविबाह विभुज अदब बनाओ ब केन्द्र से बस दूरी पर स य फ़ वृत्त खाँचो
सवा०३ दब को य तक बढ़ाओ द केन्द्र से दय दूरी पर यजह वृत्त खौं ची अवा.३ दअ को ह तक बढ़ाओ
प्रधा. तो अह बराबर होगी बस के
सा.१
धवा.२
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