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(३०)
तो अस और अब भुज भो आपस में बराबर होंगी उप० अगर अ स और अ व आपस में बरावर
नहीं तो उनमें से एक दूसरी से बडी होगी फ़र्ज़ करो कि अब बड़ी है अ स से
अब में से ब द बराबर अ स के काटली चौर स द मिलाओ
द
सा० ३
अ० १
अब चूकि द ब ब और अ स ब त्रिभुजों में द ब बराबर है अ स के और ब स दोनों में उभयनिष्ट है यानी एक विभुज की दब और ब स भज अलगर दूसरे विभुज की अ स और स ब दो भुजों के बराबर हैं
और द ब स कोन बराबर है अ स ब कोन के
फ़ज़
इसलिये दस आधार बराबर है अ ब आधार के और द ब स विभुज बराबर है अ स बभुज के
सा० ४
यानी कोटा त्रिभुज बराबर है बड़े विभुज के ओर यह वात साफ़ झूठ है
स्व० 2
इसलिये अ ब और अ स नाबराबर नहीं हैं यानी अ सबराबर है अब के
फल इसलिये अगर किसी त्रिभुज के दो कोन आद्योपान्त - यही साबित करना था
अनुमान - समानकोन त्रिभुज की सब भुंजा व्यापस में बराबर होती है
टि० (१) याद रखना चाहिये कि अब में से छोटी रेखा के बराबर हिस्सा ब कोन की तरफ़ से काटना चाहिये वरन: चौथी साध्य से इस साध्य का साबित करना और मुमकिन होगा
(ट० (२) एक साध्य दूसरो साध्य को विलोम उस मूरत में होती है जब कि इस माध्य में जो बात कल्पित व्यर्थ की जगह पर हो वह पहिली साध्य में फल की जगह पर हो और जो बात दूसरी साध्य में फल की जगह पर हो वह पहिली साध्य में कल्पित अर्थ की जगह पर हो
यह साधा पांचवीं माध्य के पहिले हिस्से का विलोम है यानी इस बाध्य में जो बात कल्पित ग्रर्थ की जगह पर है उस हिस्से में फल की जगह पर है और जो बात इसमें फल की जगह पर है उसमें कल्पित अर्थ की जगह पर है जैसा कि इन दोनों साध्यों को इस तरह पर बयान करने से साफ़ ज़ाहिर होनायगा
साध्य ५ नगर दो भुजा बराबर हैं तो उनके सामने के कोन बराबर है। साच्च ६ अगर दो कोन बराबर हैं तो उनके सामने के भुज बराबर
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