________________
पद्मावतीपुरवाल समाज से अनेक आचार्य और मुनिगण देश को उपलब्ध हुए हैं। उनमें से एक नाम सभी के अधरों पर रखा मिल जाता है, वे हैं शिखरजी में समाधिस्थ आचार्यप्रवर परम पूज्य 108 श्रीं विमलसागरजी महाराज। इसी तरह इस विशिष्ट समुदाय ने भारत देश को अनेक विद्वान दिए हैं, जिनमें से एक नाम की चर्चा अभीष्ट है, वे हैं, वर्तमान में सर्वाधिक ख्यातिलब्ध, महानतम विद्वान श्री प्राचार्य नरेन्द्र प्रकाश जैन फिरोजाबाद। इसी क्रम में अनेक साहित्यकार, संपादक, कलाकार श्रेष्ठ एवं राष्ट्रीय स्तर के नेता भी इसी समुदाय से उपलब्ध हुए हैं। नाम बहुत अधिक हैं अतः सूची देना संभव नहीं है, क्योंकि उस सूची में अनेक वकील, डॉक्टर, और अन्य अन्य उच्च अधिकारी भी समाहित हैं ।
अपने समुदाय के साथ-साथ 'दिगम्बर जैन आम्नाय' के अन्य समुदाय के मुनियों और विद्वानों को भी आदर देने वाला यह पद्मावतीपुरवाल समुदाय देश में धर्म, संस्कृति, साहित्य एवं एकता के संरक्षण में अग्रणी पाया गया है। अतः इसके समस्त वर्तमान समाजसेवी और श्रेष्ठीगण मेरी लेखनी से अभिनन्दन प्राप्त करते हैं, सराहना पाते हैं।
इस समुदाय में खराबियां (?) हैं तो मात्र इतनी कि यह दूसरों की उन्नति देख कर जलता - भुनता नहीं है। दूसरों का वैभव देखकर ईर्ष्या नहीं करता । किसी को संकट में देखकर उसकी मदद के लिए तैयार हो जाता है । राष्ट्रीय विपदाओं के समय सदा सहयोग की भावना रखता है । समृद्ध ट्रस्टों की स्थापना कर उनसे व्यक्तिगत लाभ नहीं लेता। ट्रस्टों को अपनी मर्जी से संचालित नहीं करता । अब ये खराबियां किसी को भली न लगें तो समुदाय क्या करे?
- सुरेश जैन 'सरल', 293, गढ़ाफाटक, जबलपुर
xvii