Book Title: Maa
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Mahima Lalit Sahitya Prakashan

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Page 14
________________ ने भी कहा—Love is like the moon, when it does not increase it decreases. माँ के निश्छल प्रेम में पवित्रता होती है, पवित्रता भारत की वस्तु है, भारत का गौरव है, भारत की संस्कृति है। उसका मन-मन्दिर पवित्र है भले वह पूरा स्वच्छ न हो। उससे प्रवाहमान प्रेम की सौरभ निर्मल है भले वह उत्तम सुगन्ध वाला न हो। मोह ! अभी तक तो मैंने हस्त-कलम से कुछ लिखा ही नहीं, उससे पूर्व ही प्रत्युत्तर मांगने के लिए प्रश्न उपस्थित कर दिया। "माँ का प्रेम" किस चिड़िया का शुभ नाम है" ? _ 'माँ का प्रेम', जो आस्वाद्य-आस्वादक है वही तो माँ का प्रेम है। जो चित्त को स्पर्श करने वाला विशुद्ध मिष्ठान्न, किन्तु पुरुषार्थमयी सुकोमलता का समादरणीय सुनाम है। उसका प्रेम "तलवार नी धार पे धावनों छै"-असि-धारा व्रत के समान हैं। उसका आनन्द छन्द-बे-छन्द अथवा शब्दों के बन्धन में नहीं बंध सकता, शब्दातीतउपमा जो संप्राप्त हुई है। उसके मानस में से प्रेम की गगरी प्रतिपल प्रतिक्षण नित्य ही छलकती रहती है। समस्त जगजीवन का सारांश प्रेम नहीं तो क्या आप हैं या बाप! वाक्य विषैला लग गया, भयभीत मत होमो, विष को अमृत के रूप में परिवर्तित करना तो अपने बाएँ हाथ का खेल है। माँ के प्रेम-रंग से रंगा हृदय जीवन भर! पूरे जीवन में प्रेम के व्रत का पालन करने को उत्सुक होता है । "प्रेम बिना तलवार के शासन करता है" यह भारतीय कहावत प्रसिद्ध है। सुप्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक स्वेटमोर्डन का कहना यथार्थ है कि "प्रेम ही शान्ति है, प्रेम ही सुख और आनन्द है ।” __हाँ ! एक बात और, मान लू कि विज्ञान हर तारे को बदल सकता है पर सच कहता हूँ दिल तो हमारा आपका चाहे किसी का केवल प्रेम के द्वारा ही बदल सकता है। और यह कार्य माँ ही करने में सक्षम है, पत्नी नहीं । महान भारतीय संत स्वामी विवेकानन्द ने कहा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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