Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 3
Author(s): Mohanlal Mehta
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ दशवैकालिकचूणि ( अगस्त्यसिंहकृत ) निशीथ-विशेषचूर्णि दशाश्रुतस्कन्धचूर्णि बृहत्कल्पचूर्णि टीकाएँ और टीकाकार जिनभद्रकृत विशेषावश्यकभाष्य-स्वोपज्ञवृत्ति हरिभद्रसूरिकृत टीकाएँ __ नन्दीवृत्ति अनुयोगद्वारटीका दशवकालिकवृत्ति प्रज्ञापना-प्रदेशव्याख्या __ आवश्यकवृत्ति कोट्याचार्यविहित विशेषावश्यकभाष्य-विवरण आचार्य गंधहस्तिकृत शास्त्रपरिज्ञाविवरण शीलांकाचार्यकृत टीकाएँ आचारांगविवरण सूत्रकृतांगविवरण बादिवेताल शान्तिसूरिकृत उत्तराध्ययनटीका द्रोणसूरिविहित ओघनियुक्ति-वृत्ति अभयदेवसूरिकृत टीकाएँ स्थानांगवृत्ति समवायांगवृत्ति व्याख्याप्रशप्तिवृत्ति ज्ञाताधर्मकथाविवरण उपासकदशांगवृत्ति अन्तकृद्दशावृत्ति अनुत्तरोपपातिकदशावृत्ति प्रश्नव्याकरणवृत्ति विपाकवृत्ति औपपातिकवृत्ति मलयगिरिसूरिकृत टीकाएँ नन्दीवृत्ति प्रज्ञापनावृत्ति सूर्यप्रज्ञप्तिविवरण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 520