Book Title: Hajarimalmuni Smruti Granth
Author(s): Shobhachad Bharilla
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
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अगरचन्द नाहटा: रामचरित सम्बन्धी राजस्थानी जैन साहित्य : ७५३
बीसवीं शती में (२७) शुक्ल जैन रामायण स्था० मुनि-शुक्लचन्द जी. (२८) सरल जैन रामायण-कस्तूरचन्द्रजी. (२६) आदर्श जैन रामायण-चौथमल जी ने निर्माण की है. फुटकर 'सती सीतागीत' आदि तो कई मिलते हैं. गद्य में कई बालावबोध ग्रंथों में 'सीताचरित्र' संक्षेप में मिलता है. उसका यहां उल्लेख नहीं किया जा रहा है. केवल एक मौलिक सीताचरित की अपूर्ण प्राचीन प्रति हमारे संग्रह में है. उसी का कुछ विवरण दिया जा रहा है(३०) सीताचरित्र भाषा—इसकी १८ पत्रों की अपूर्ण प्रति हमारे संग्रह में है जो १६ वीं या १७ वीं के आरम्भ की लिखित है अतः इसकी रचना १६ वीं शताब्दी की होनी सम्भव है. इसी तरह का एक अन्य संक्षिप्त सीताचरित्र (गद्य) मुनि जिनविजय जी संग्रह (भारतीय विद्याभवन, बम्बई) में है. इस प्रकार रामकथा सम्बन्धी यथाज्ञात राजस्थानी---गुजराती व हिन्दी रचनाओं का संक्षिप्त विवरण दिया गया है. खोज करने पर और भी मिलने संभव हैं.
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