Book Title: Hajarimalmuni Smruti Granth
Author(s): Shobhachad Bharilla
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
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१०८ : श्री मुनिहजारीमल स्मृति ग्रन्थ : परिशिष्ट
श्री रंजन सूरिदेव-- देवजी साहित्याचार्य, पुराणाचार्य, व्याकरणतीर्थ जैनदर्शनशास्त्री, साहित्यरत्न, साहित्यालंकार और बी० ए० उपाधियों से विभूषित हैं। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन पटना के संचालक और साहित्यमंत्री हैं । बिहार राष्ट्रभाषापरिषद् की त्रैमासिक 'परिषद् पत्रिका के सम्पादक तथा 'साहित्य' के स० सम्पादक हैं। आपकी बहुतसी रचनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं।
श्री बद्रीप्रसाद पंचोली-जन्मस्थान-खानपुर (झालावाड़-राज०) हिन्दी और संस्कृत में एम० ए० तथा साहित्यरत्न । वर्तमान में किसनगढ़ के शासकीय कालेज में प्रोफेसर हैं । 'स्वदेश' (कोटा) सम्पादक रह चुके हैं । शोधप्रधान निबंधों की ओर विशेष रुचि है, यों कविता, नाटक आदि भी लिखते हैं।
श्री वर्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री-श्रीवर्धमान शास्त्री के पिताश्री का नाम पार्श्वनाथ शास्त्री है. जैन समाज के अग्रगण्य विद्वान हैं. उच्च कोटि के लेखक और वक्ता हैं. जैन बोधक एवं जैनदर्शन नामक हिन्दी मासिकों के तथा कर्णाटक भाषा के 'विश्वबन्धु' के सम्पादक हैं. धार्मिक परीक्षा-बोर्ड, आचार्य कुन्थुसागर ग्रंथमाला तथा आचार्य जम्बूसागर ग्रंथमाला के अवैतनिक मंत्री
और अनेक संस्थाओं के ट्रस्टी हैं. अहिन्दी भाषा-भाषी होकर भी आप हिन्दी - भाषा तथा समाज की बहुमूल्य सेवा कर रहे हैं.
श्री विजयेन्द्र सूरिजी--सूरिजी पुरानी पीढ़ी के इतिहास एवं पुरातत्त्व आदि अनेक विषयों और भाषाओं के प्रकाण्ड पंडित हैं। भगवान् महावीर के जीवन पर आपने जो लिखा है, उसी से आपके पाण्डित्य का पता चल सकता है । आपकी अनेकानेक विद्वत्तापूर्ण कृतियाँ प्रकाश में आ चुकी हैं। सूरिजी इस समय अत्यन्त वृद्ध, नेत्रहीन और अस्वस्थ अवस्था में अंधेरी (बम्बई) में हैं।
श्री शांतिलाल भारद्वाज 'राकेश'-जन्मस्थान-जलवाड़ा (कोटा) राकेशजी राजस्थान के साहित्यकारों में अग्रगण्य हैं । आपके अनेक ग्रंथ प्रकाशित और पुरस्कृत हो चुके हैं। वर्तमान में राजस्थान साहित्य अकादमी के कार्यनिदेशक हैं।
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