Book Title: Hajarimalmuni Smruti Granth
Author(s): Shobhachad Bharilla
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar

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Page 1053
________________ १०० : Jain Education International मुनि श्रीहजारीमल स्मृति ग्रन्थ : परिशिष्ट मुनि श्री कान्तिसागरजी मुनिजी इतिहास और पुरातत्व के दिग्गज विद्वान्, भारतविख्यात लेखक और अन्वेषक हैं। खंडहरों का वैभव' आदि अनेक महत्वपूर्ण रचनाएं आपकी प्रकाशित है। पत्रिकाओं में भी आपके शोधपूर्ण निबंध जब-तब प्रकाशित होते रहते हैं । श्री के० बी० जिन्दल – आप जैनधर्म-मर्मज्ञ स्वर्गीय पण्डित अजितप्रसाद जी के कनिष्ठ पुत्र हैं. आप का जन्म लखनऊ में हुआ. १९३८ में आपने लखनऊ विश्वविद्यालय से एम० ए०, एल-एल० बी० की उपाधि प्राप्त की. एम० ए० में सर्वप्रथम उत्तीर्ण होने के नाते विश्वविद्यालय से आपको स्वर्णपदक प्राप्त हुआ. आज कल आप कलकत्ते में आयकर अधिकारी के पद पर नियुक्त हैं. साहित्य, सिद्धान्त, कानून-तीनों विषयों का आपने अच्छा अध्ययन किया है. प्रायः इन सभी विषयों पर आप की रचनायें प्रकाशित हो चुकी हैं. आप की मुख्य कृतियाँ है A History of Hindi Literature, The Prefaces, Lordships, Income-tax, Past and Present. श्री गज सिंह - श्री गि० अ० जैन पाठशाला ब्यावर से व्याकरणन्यायतीर्थ परीक्षायें उत्तीर्ण करने केसाथ वहीं आपने 'जैन संकेतलिपि' का शिक्षण प्राप्त किया. वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में रिपोर्टर है. संकेतलिपि-लेखन में अत्यन्त सिद्धहस्त हैं. श्री गुलाबचन्द्र चौधरी- आप उदीयमान साहित्यकार है। आपकी अनेक गंभीर शोधपूर्ण रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। भविष्य में आपसे बड़ी-बड़ी आशाएँ हैं । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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