Book Title: Hajarimalmuni Smruti Granth
Author(s): Shobhachad Bharilla
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar

View full book text
Previous | Next

Page 1055
________________ १०२ : मुनि श्री हजारीमल स्मृति ग्रन्थ : परिशिष्ट Jain Education International आचार्य श्री जिनविजयजी – जन्मस्थान - रूपाहेली (मेवाड़) । सामान्य वातावरण में से भी अध्यवसायी और प्रतिभाशाली पुरुष किस प्रकार अभ्युदय का मार्ग निकाल लेते हैं, इसका उदाहरण आपका जीवन है। मुनि जी ने जैन एवं राजस्थानी साहित्य की अनुपम सेवा की है। इतिहासपुरातत्व के महान् विद्वान् हैं। सिंघी जैन ग्रंथमाला के संपादक हैं। राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान जोधपुर आपके ही अध्यवसाय का फल है । डा० जे०सी० सिकदर - सिकदर महाशय का जन्म पूर्वबंग में हुआ. आपने पुरातन इतिहास और संस्कृति विषय में एम०ए० कलकत्ता वि०वि० से किया. तत्पश्चात् शान्ति निकेतन में शोधछात्र रहे. डा० हीरालाल जैन की देखरेख में भगवती सूत्र के संबन्ध में शोधकार्य किया है. आजकल आप जबलपुर वि०वि० में सीनियर रिसर्च फैलो है. डा० ज्योतिप्रसाद जैन — जन्मस्थान – मेरठ ( उ० प्र०) निवासस्थान लखनऊ. वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य के डिस्ट्रिक्ट गजेटियर्स के उपसम्पादक पद पर नियुक्त जैन सिद्धान्त-भास्कर एवं जैन एन्टीक्वरी तथा जैन सन्देशशोधा के अवैतनिक सम्पादक, वायस आफ़ अहिंसा के भी सम्पादक मण्डल में सम्मिलित Jaina Sources after History of Ancient India, Jainism the oldest living Religion. भारतीय इतिहास- एक दृष्टि प्रकाशित जनसाहित्य, हस्तिनापुर, आदि पुस्तकों के प्रणेता। लगभग तीस वर्ष से जैन इतिहास, पुरातत्त्व, साहित्य एवं संस्कृति पर शोध खोज एवं अन्वेषण कार्य चालू है. कई सौ लेख निबन्धादि अबतक विभिन्न जैनाजैन पत्र-पत्रिकाओं में हिन्दी एवं अंग्रेजी में प्रकाशित हो चुके हैं. राजस्थान श्रीज्ञान भारिल्ल — जन्मस्थान - खराना ( सागर म०प्र०) के प्रथम श्रेणी के कवि, प्रतिभाशाली लेखक और उपन्यासकार हैं. आपकी कविताओं के कई संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें से 'आकाशकुसुम' अजमेर सरकार द्वारा प्रथम पुरस्कृत हुआ है, 'प्यासे स्वर्ण हिरण' उपन्यास भी आपकी ही रचना है. कुछ समय से आपका झुकाव प्राचीन जैन कथाओं को आधुनिक शैली में प्रस्तुत करने की ओर हुआ है. अब तक 'तरंगवती' और' भटकतेमटकते (कुवलयमाला का रूपान्तर) प्रकाश में आए है. जैन साहित्य ऐसे क्षमताशाली सुलेखकों की प्रतीक्षा कर रहा है. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 1053 1054 1055 1056 1057 1058 1059 1060 1061 1062 1063 1064 1065 1066