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परिशिष्ट २ विशेष शब्द विवरण
( प्रस्तुत परिशिष्ट में जिन शब्दों के एकार्थक दिए गए हैं, उनको अनुक्रम से गहरे अक्षरों में, तथा ब्रकेट में उन शब्दों का संस्कृत रूप दिया गया है, फिर एकार्थक अभिवचनों की व्याख्या दी गई है ।)
अंग (अङ्ग)
'अंग' शब्द के १५ पर्याय शब्दों का उल्लेख यहां हुआ है'। ये सभी पर्याय समग्र वस्तु के छोटे-बड़े अवयव हैं । कुछ शब्दों का विश्लेषण इस प्रकार है
दसा --- वस्त्र का किनारा ।
प्रदेश ---- स्कन्ध का एक भाग ।
शाखा -वृक्ष का अवयव ।
पर्व – इक्षु का खण्ड | पटल - कमल की पांखुड़ी ।
अंताहार ( अन्ताहार )
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जैन परम्परा में भोजन ग्रहण के आधार पर भिक्षुओं के अनेक प्रकार किये गये हैं । इनमें अर्थंगत भेद होते हुए भी भोजन की सामान्य विवक्षा के आधार पर इनको एकार्थक माना गया है'"अंताहार-वल्ल, चने आदि सामान्य धान खाने वाला । पंताहार - बचा खुचा अथवा बासी भोजन करने वाला । रूक्षाहार - रूक्षभोजी ।
१. उशाटी प १४४ : पर्यायाभिधानं च नानादेश विनेयानुग्रहार्थम् । २. औपटी पृ ७५ ।
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