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মূহলসন
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देहनिरूपणकथन अर्यालदह क्षतिगांव में
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मन्तगयन्द छंद मात पिता रज वोरजनों उप, जो स्मबहाद जा धात अरो है। माखिन की पर सानिया बादर, चास लि वेठन वैठ धरी है। नाता बार लरी अवही वगु, वायस जीव वचै न धरी है। दस दशा यहि दौखत धात, पिकात नहीं मिल बु वि हरी है ॥ २० ॥
স্লাই স্বা (रज) लहू (वीरज ) धातु सनो (उपजी) पेदा हुई मानभात) हाड १ मांस२ लहू ३ चाम ४ मजा चरबी ०५. नेट नस ०६ बर्थ ०७ (सापिन ) मखिया मशिका [ माफक तुल्य ( वेटन ) जस्ता पेटन बन्धेज (ठ) लपेट [नातर ) नहींतो (वगु) वगना पक्षी यस ) काग पक्षो (दशा) अवस्था [माता ] भाई
सरलार्थ टीका माता कैलहू और पिता के वीर्य से पैदा हुई और सात धातसे भरो
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