Book Title: Bhudhar Jain Shatak
Author(s): Bhudhardas Kavi
Publisher: Bhudhardas Kavi

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Page 126
________________ स्वागमहलाहबड़ा रख-छोटार्कथ:- " तथातीसराभाम...39:भाषापढ़नाअच्छा : 'स्वांग रूपबसंतःः ७ ख रिसालू :: :जा तथाचौंशभाग: जाता है : : स्वान्सपलसंतबड़ा खसींगीवाला । फ़रतअफ़ज़ा' डा ख़ुशरंगवहार 'स्वा पूरतःख छैलापनिहारी-m भार्या हित: गणिताभ्यासहि.. वो पूरन वड़ायाखलासुलतान स्वीदर्पण सियाचे ऊ सावकीपुस्तक-. लकराम कृत :: काबड़ा, "द्विका इसपुस्तक त अच्छी है ... . स्वा बदरैमुनीर: २ ख गादी के पढ़नेसेमावाप चितचंद्रिका ः . तोतामैना इसकि, ख बेला : दनालड़कियों को : 'इम्दादलीगणित । नावके आठहिस्से; व जेमलता अच्छीतरह सासका. अमरकोशसंहैंइसमें तोतामेला... खःमतसिंह: हैइसमें अच्छीरक भाषाटीका-: " काकिस्सानाविले:- खबालइनकेसि : हानी हैं एक पुस्तक : भमरकोशमल दीद है कीमत फ़ी: वायौरवहुत हैं. ज़रूरहीमगानीचा भाषारीका हिस्सादोभाने हैं। वर्णमाला: जज हिये कसत्ता दुर्गापानभाषाटीका वांगसुलोचनाला संस्कृत प्रवेशनी लक्ष्मीसरखनीसंवा.सारस्वतचंद्रकीर्तित खयाल राजाभरतरी गणितमकाशम भागदप्रथमभाग, सटीककापावंबई खबाजौहरीबच्चा , तथादूसराभाग हा स्त्रीहेतुपरोक्षात७. : मदनपारजातनि खु बीरविक्रमाजी विद्यासारइसके मामुलीदुबइंन्सा, "समें चारोवर्णके ख. गोपीचंद पढ़नेसें हिन्दीका स्वीअनुशासनमय धर्मकर्ममेंचा '.. खपनावीरमदे ॐ वहीरवातावहुत : मभागः मामामालिखे हैं : एक राजा हरिश्चन्द्र-छ अच्छी तरह से भार मिताक्षरासपूर्णपय मनुस्मृतिसं माल : ख-राजा अमरसिंहाडी सकता है. भाषाटीकासहित तर्जुमाई रख-राजानला गणितकामधेन-डत दुसमसाल्या . यजुर्वेदसंहिताको .. रख दयारामधाहनी म सेठलक्ष्मीचंदन, गरादिवासीसारही नसनेही) सर्वानुः । ख-पिंगलासती: ७ इसमें तरह-की- कारचाभया: ::. भन्मणिकायाग्यय. ख-डूंगरसिंहजवाहप सिलावदजवाहराः तर्जुमाझज्ञायबुल अल्पशिक्षासहितः । रख बनजारा 5 तकी है • भरवन्नुकात: मंत्रसंहिता रख होररांझा विद्यार्थीको मापुस्ता भजनप्रभासी: ५ रुद्री vi ख-मोरध्वज हितोपदेशसंस्कृतः सुदामाजीकेभजन दंडकयंजुवेदी ii खणहजादा मूलभाटी मिनप्रभा गंगाजीकेभजन 5 वेदस्तुनीटीकामा ख-महदीवाला शब्दार्थभानुकोश महलादजीकेभजनः परपुराणकालमी": . ख.नागौरी महाजनीसारभा-5 जियालालहतो हाथकालिखाया रख प्रहलाद : ॥ तथादूसराभाग : दयारामगूजरगडा आदिसेअंततका १०७) खरंगीलीमालन- ॥ तथा तीसरामांगदोहावलीरामायण. पूर्णमोगलसरमोटेका : र मनियारी बहारवजाममा तुलसीकता : राजपथ्यधुरसका रखमाबेटा.:: ॥ तयाइसराभागाः जा सुगमा पुस्तकइससे दिखाया ।

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