Book Title: Bhudhar Jain Shatak
Author(s): Bhudhardas Kavi
Publisher: Bhudhardas Kavi

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Page 128
________________ PR बिज्ञापन । E समस्त सज्जनोंको बिदितहो कि वर्तमान में डा तरी हकौमीके इलाजोंसे एतद्देशीय धर्मात्माओं का धर्म चौड़ेमे लुट रहा है, अतस्तट्रक्षार्थ दिल्ली नई सड़क घण्टाघर के समीप भारद्वाज,,औषधा लय खोलागया है इसमें अपनो देशोय औषधा वै द्यक विद्याके अनुसार और प्रत्येकरोग को हुकमी কি লাঘব্দাত্তী অভী মুজি কাফ নার্জী স্বৰীৰ কি रोगियोंको वेदाम और तालेवरोंको थोड़ासादाम लेकर दईजाती हैं। और "भारतोत्यापन,, पुस्तका लय मैं 'चतुरसखी, ललित उपन्यासबादि अनेक र भाषा वा सँस्कृत के पुस्तक तयार हैं, जिन महाशा यों को औषध वा पुस्तकों के विषय पत्र भेजना होवे निम्नमुद्रित पवेसे भेजें यहाँस कागजात भेजे जावेंगे । और एक मारवाड़ीमित्र नामका मासिक पव देवनागरी भाषा में प्रकाश होता है बे मू ल्य केवल डाकव्यय 10 पर यहभी देखनेही जान यक है। पण्डित काशीनाथ विश्वनाथ व . महोला पामिलौ चौराहा (दिल्ली) . Aamya

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