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ক্ষুঘলীলমল
श्रीऋषभदेवजोके पूर्वभव कथन
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घनाक्षरी छंद आदि जैबरमा टूजे महावल भूप तोच खर्गईशा न ललितांग देव भयो है। चौथे बचजङ्ग राथ पां चर्वे युगल देह सम्यक हो दूजे देवलोक फिरगयो है। सातवें सुबुधि देव आठवें अच्यु तइन्द्र नोमे भो नरिन्द्र बच नाभिनाम भयो है। दशमैं अहमिन्द्र जान ग्यारमैं ऋषभभान नाभि बंश भूधरक माथे जन्म लियो है ॥८॥
शब्दार्थटीका (ईशानस्वर्ग) सोलह वर्गों में से दूसरे स्वर्गका नाम ( युगलदेह ) जो ड़ या जोड़ा [ सम्यक ] श्रद्धा (अयत )सोलवे स्वर्गका नाम (भानु ) सूर्य (भूधर) पहाड़।
सरलार्थ टीका