Book Title: Bhudhar Jain Shatak
Author(s): Bhudhardas Kavi
Publisher: Bhudhardas Kavi

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Page 104
________________ মুঘলীম (बर्मभूपति ) राजाकानाम ( पालपुहमी ) पासनेमाला पृथीका (स र) देवता (पुनि ) फिर (भनितयेन ) रानाकानाम ( नायक ) सर दार बडा (वर) अष्ट [ पद्मनाभि ] राजा को नाम (निमर) देवता [बैजयन्त बिमान ] सोलह खौरे ऊपर एक विमान का नाम (45 ट्राभ) चन्द्रकैसी भाभा जिसको (पुरुषपुराग ) महान पुरुष। , सरलार्थ टौका पहले जन्म में देवता श्रीवर्मभूपति नाम राजा पृथिवी के पालने वाले हुये दूसरै भोमैं पहले स्वर्गसौ धन्म नाम मैं देवताभवे तीसरेभोमें पनि तसेन नाम राना चमावर्ती भये फिर चौधभीमें अच्यु तनाम सोसवें स्वर्ग में इन्द्र भये फिर पांचय भीमें पदमनाभ नाम राना हुये फिर छठेभो में वैजयन्त नाम विमानमें निर्जर प्रयत् देवता भये फिर सातवें भोमै अन्द्राम नाम अर्थात् चन्द्रप्रभु स्वामी नाम महान् पुरुष तोहार भये । श्रीशान्तिनाथस्वामीके पूर्वभवकथन T TRA सर्वया इकतीसा सिरीसेन औरज पुनि स्वगौं, अमित तेज खेचर पद पाय । सुर रवि चू गधा । मैं, अपरा जित वलभद्र कहाय । अच्चु त इन्द्र बच्चायुध चक्री

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