________________
भवरकेनशतक १७ · · फिर घडमिन्द्र प्ररथ राय । सरकारव सिवेव शा - मत बिन, ये प्रभुको वारह पर्याय ॥ ८ ॥
मान्दार्थ टोका (बीसेन ) नाम ( प्रारज ) भोगंभूमिया (पुनि ) फिर (खौ) स्वर्ग का रहने वाला अर्थात् देवता ( अमित तेश) नाम विद्याधर (सेचर) पाकाश गामो ( रविचूल ) नाम देवता ( आना ) तर में वर्गका नाम (अपराजित ) जो जीता न जाये ( बलभद्र ) नाम ( बनायुध ) नाम (चनी ) चक्रवतों ( मेघरधराय ) रामा का नाम [ सरबारध] वर्गो 'के जपर स्थान का नाम ( सिद्देश ) सिबीका ईग (पर्याय यौनी।
सरलार्थ टोका पाले भव में ओमेन माम हुये २ भोग भूमिया ३ वर्ग बासी ४ अमित বিল লাল ৰিঘৰ গান্ধায় মালী নিমূল নাম না জানায় तरवें वर्ग, ६ अपराजित नाम बरभद्र १ अच्युत मोलवें वर्ग में देशना
बच्चायुभ नाम चक्रवर्ती 2 ग्रहमिन्द्र १० मेघरथ नाम राजा ११ मा वारंथ थिोश १२-शान्तिनाथ स्वामी बिनदेय ये बारह भा थी यान्ति गाय सामोरे हैं जो जपर कई।
... - श्रोनेमिनाथ जी के भव वर्णन ..
102RUAGOK