Book Title: Bhudhar Jain Shatak
Author(s): Bhudhardas Kavi
Publisher: Bhudhardas Kavi

View full book text
Previous | Next

Page 119
________________ भूधरजनशतक १११ रिफिरिप्रेरैमेरे आलसकोअन्तभयो' जिनकी सहाय यह मेरेमनमाने है ॥ १०६ ॥ शब्दार्थ टोका (आगरा) नगरका नाम ( भूधर ) कविकानाम ( खंडेर वार ) जिन का खंडेला वस्ती निकास है (थाने ) स्थान (मेरै) समझाना ताकीद । सरलार्थ टीका प्रागरे नगरमें वालक वुद्धि भूधरदास खंडेलवाल बालकपने से कवित्त जोड़ना जाने है ऐसेही गुलाबचन्द नाम जो सवाई जैसिघ सूवाके हाकिम इस स्थानमें रहैं हैं और हरीसिंध साहके वंश में धर्मरागी नर है तिनके कहने से मैंने यह कवित्त जोड़े हैं उनके समझानसे मेरे पालस्य का अन्त भया जिनकी सहायता मेरे मन माने है। दोहा छन्द सतरहसै इक्यासिया पोह पाख तम लोन । तिथतेरसरविबारको, शतकसपूरणकौन ॥ १०७॥ शब्दार्थ टीका (पाखतमलीन ) सष्णपक्ष का पखवारा। सरलार्थ टोका सम्वत् सत्रह सौ इक्यासी १७८१ पोष महोना कष्णपक्ष को तरस १३

Loading...

Page Navigation
1 ... 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129