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घर
মুঘলমন : हारे. एक, हारे होनहार सों ॥ ७२ ॥
शब्दार्थ टोका ( बली) बनवान (भूय) राजा (भू) पृथी ( विख्यात ) प्रत्यक्ष-यशो नामी [नेक ] शोडे (विकार) समावबदलना (सङ्के) उलांके (गिर) स्यहार (भायर ) समुद्-सागर (दिवायर ) सूर्य ( कोयर) डरपोकाभ '] शूरवीर (कोरन ) करोरन (इंकार) अवाम शब्द ( दाने) असुर दाचत ।
सरलार्थ टीका
कैसे कै बलवान् राना धरती पर नामी और यशी भये निनकी मौके बदलनेसे वैरी कुल कां हैं और जिनों ने पहाड़ और समुद्र उतांके हैं और सूर्य जैसे चमके हैं और जिनौने करोरों शूरवीरों को अपनी ई. कारसे डरपोक बनादिया है और ऐसे बडे मानी हैं जिनौने मौत मा ने पर भी हार नहीं मानी और कभी मानरूप पर्वतसे थोड़ी बार भी नीचे नहीं उतरे देवसों हारे न दानेसों हार परन्तु एक होनहार सों पहार है।
कालसामर्थ कथन
घनाक्षरी छन्द