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अनुक्रमणिका
क्रम सं०
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प्राक्कथन
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१. कालगणना का संक्षिप्त इतिहास, इकाइयां व विभिन्न चक्र पंचवर्षीय चक्र २२, सप्तर्षि चक्र २३, बृहस्पति काल (चक्र) २५,
परशुराम का चक्र २८, ग्रह परिवर्ती चक्र ३० २. धर्म चरित्रों से सम्बन्धित सम्वत्
सृष्टि संवत ३४, कालयवन संवत् ३६, कृष्ण संवत् ४१, युधिष्ठिर संवत् ४२, कलियुग संवत् ४४, लौकिक संवत् ५३, बुद्ध निर्वाण संवत् ५५, महावीर निर्वाण संवत् ५६, ईसाई संवत् ६४, हिज्री
संवत् ७१, बहाई संवत् ७५, महर्षि दयानंद संवत् ७८ ३. ऐतिहासिक घटनाओं से आरंभ होने वाले संवत् मौर्य संवत् ८१, सैल्यूसीडियन संवत् ८३, पार्थिया संवत् ८७, विक्रम संवत् ८८, शक संवत् १००, कल्चुरी चेदी संवत् १०६, गुप्त संवत् ११३, अमली संवत् १२३, विलायती संवत १२३, फसली संवत् १२४, बंगाली सन् १२८, श्री हर्ष संवत् १३०, भट्टिका संवत् १३७, मागी संवत् १४०, गंगा संवत १४१, बर्मी कोमन संवत् १४४, भौमाकर संवत् १४६, कोल्लम संवत् १४७, नेवार (नेपाल) संवत् १५०, चालुक्य विक्रम संवत् १५१, लक्ष्मण सेन संवत् १५४, शिवसिंह संवत् १५८, शाहूर सन् १६०, पुड़वैप्पु संवत् १६२, तारीख इलाही संवत् १६२, जुलुसी
संवत् १६७, राज शक संवत् १६८, विविध संवत् १६९ ४. विभिन्न संवतों का पारस्परिक सम्बन्ध व वर्तमान अवस्था ५. भारत में संवतों को अधिक संख्या की उत्पत्ति के कारण तया __ वर्तमान राष्ट्रीय पंचांग ६. निष्कर्ष ७. परिशिष्ट ८. संदर्भ ग्रन्थ सूची निर्देशिका
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