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अनुक्रमणिका ।
बिषय
३७९
३८०
पृष्टांक. | बिषय
पृष्टांक. यातज हृद्रोग लक्षण ३७२ | ध्वंसक के लक्षण
- ३७८ पित्तज हृद्रोग के लक्षण ३७३ | विक्षय के लक्षण कफज हृद्रोग
मद्यपान न करने का फल त्रिदोषज हृद्रोग
| तीन प्रकार के रोग कृमिज हृद्रोग
मद के भेद तृषा रोग का निरूपण
वातज मद तृषा की उत्पत्ति
पित्तज मद तृषा का सामान्य लक्षण
कफज मद वातज तृषा का लक्षण
सन्निपातज मदवा, पित्तज तृषा
रक्तज मद कफज तृषा
मद्यजमद त्रिदोषज तृषा
विषज मद बात पित्तज सृषा
रक्तादि में वातादि की पहिचान पित्तजा तृषा
वातज मूछी का लक्षण कफजा तृषा
३७५
पित्तज मूी का लक्षण क्षयजा तृषा
कफज पूर्छा के लक्षण उपसर्गजा तृषा
सनिपात से निश्चेष्टता षष्टोऽध्याय:।
सन्यास के लक्षण मदात्यय का निदान
सानिपातक सन्यास मध के गुण
शीघ्र चिकित्सा से जीवन घेतोविकार का प्रकार
मद्य से मद्य का उपसंहार ३८१ मद की निंदनीय अवस्था
अन्य युक्ति उक्त अवस्था में दुर्गति
सप्तमोऽध्याय : । मदकी तीसरी अवस्था
| भर्श का नाम निर्वचन मद्य से धर्मा धर्म का अन्नान
अर्श के दो भेद अति मद्यपान का फल
गुदा की अवलियों का वर्णन मद्य से त्रिवर्ग का नाश ३७७ उक्त कथन में हेतु मद्य का पेयत्व
अर्श लक्षादि गुण उक्त लक्षणों से विपरीत का फल , उत्तरजात अर्श के भेद चार प्रकार के मदात्यय
अर्श की उत्पत्ति मदात्यय के सामान्य लक्षण
अर्श का पूर्वरूप
३८३ पातिक मदात्यय
३७८ मर्श रोगी का रक्षण पैत्तिक मदात्यय
वातार्श के लक्षण श्लैस्मिक मदात्यय
पित्तज अर्श के लक्षण त्रिदोषज मदात्यय
| कफज अर्श के लक्षण वंसक विक्षय व्याधि
(खपृष्ट और निचय अर्श
३८६
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