Book Title: 20 Vi Shatabdi Ke Jain Manishiyo Ka Yogdan
Author(s): Narendrasinh Rajput
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
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26 21. तीनों भागों का प्रकाशन, रावजी भाई मेघजी भाई, मोम्बागकेन्या, ईस्ट अफ्रीका से
हुआ है। 22. इसका प्रथम प्रकाशन विक्रमाब्द 2014 तद्नुसार 1928 ई. में हुआ ।
इसका प्रथम प्रकाशन 1957 में फैजाबाद से हुआ । डॉ. रामजी उपाध्याय इसे प्रथम ऐतिहासिक काव्य मानते हैं में द्रष्टव्य-संस्कृत साहित्य
का आलोचनात्मक इतिहास 1976, पृष्ठ 84 । 25. बाम्बे संस्कृत सीरीज में प्रकाशित संख्या - 60,69,76, । 26. गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा द्वारा प्रकाशित. अजमेर । .
प्रकाशक श्री जैन आत्मानन्द सभा भाव नगर, 1917 । 28.. इस ग्रन्थ का प्रथम प्रकाशन 1948 में प्राच्यवाणी मंदिर, कलकत्ता से हुआ है। 29. साहित्य दर्पण आचार्य विश्वनाथ, 6-334 । 30. विषय पद प्रकाश टीका के साध निर्णय सागर से प्रकाशित 1931 ई. 31. श्रुत सागर सूरि की टीका के साथ निर्णयसागर प्रेस में प्रकाशित, बम्बई 1916 ई.। 32. सरस्वती विलास सीरीज, तञ्जौर से प्रकाशित 1905 ई. । 33. निर्णय सागर प्रेस से प्रकाशित, बम्बई 1918 ई. । 34. बम्बई से प्रकाशित 1916 ई. । 35. यह चम्पू 1932 में प्रकाशित हुआ । 36. संस्कृत साहित्य का समीक्षात्मक इतिहास ले. कपिलदेव द्विवेदी, शांति निकेतन, ज्ञानपुर
(वाराणसी) द्वितीय संस्करण 1979, पृष्ठ 612 । 37. निर्णय सागर प्रेस, बम्बई 1908 ई । 38. देवकीनन्दन प्रेस, वृन्दावन से दो खंडो में प्रकाशित 1904 ई. वीरचन्द्र की टीका
के साथ कलकत्ते से बंगान्तर में भी 1908-13 । 39. बालमनोरमा प्रेस, मद्रास से 1924 ई. 40. निर्णय सागर प्रेस बम्बई 1900 ई ।
हरि प्रसाद भागवत सम्पादित, बम्बई 1909 ई. । 42. काशी के पण्डित में प्रकाशित । विश्वनाथ चक्रवर्ती की टीका के साथ बङ्गाक्षरों
में हुगली के खण्डशः प्रकाशित 1918 ई. (अपूर्ण) सरस्वती भवन ट्रेक्ट सं. 37, काशी से प्रकाशित 1931 ई. । निर्णय सागर प्रेस बम्बई 1923 पञ्चम संस्करण ।
चित्रचम्पू पं. रामचरण चक्रवर्ती द्वारा सम्पादित काशी, 1940 ई. 46. संस्कृत साहित्य का समीक्षात्मक इतिहास, ले. डॉ. कपिलदेव द्विवेदी पृ. 616.। 47. संस्कृत साहित्य का समीक्षात्मक इतिहास डॉ. कपिलदेव द्विवेदी, पृ. 617-618.।
साहित्य दर्पण 6-239 इण्डियन हिस्टारिकल कार्टरली, कलकत्ता जिब्द-4) डॉ. यतीन्द्र विमल चौधरी के सम्पादकत्व में कलकत्ता से 1941 में प्रकाशित किया गया है। जैन प्रेस कोटा (राजस्थान) के गुणविनय की संस्कृत टीका तथा हिन्दी पद्यानुवाद
के साथ प्रकाशित सं. 2005 में । 52. जीवानन्द विद्यासागर द्वारा काव्य संगह में प्रकाशित कलकत्ता से ।