Book Title: 20 Vi Shatabdi Ke Jain Manishiyo Ka Yogdan
Author(s): Narendrasinh Rajput
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
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430. वही, पद्य 9 पूर्वार्द्ध 431. वही, पद्य उत्तरार्द्ध 432. श्री आचार्य ज्ञानसागर संस्तुति, पद्य 5. 433. वही, पद्य 3. 434. पद्मप्रभुस्तवनम् पद्य -3, 7, 8, 16, 435. जिनोपदेश, पद्य-18. 436. पद्मप्रभुसतवनम् पद्य-1. 437. जिनोपदेश, पद्य -1. 438. पद्मप्रभुस्तवनम् पद्य -2. 439. वही, पद्य-17 440. जिनोपदेश पद्य-13,16,18,84,99, 441. पद्मप्रभुस्तवनम् पद्य-13. 442. जिनोपदेश, पद्य 4. 443. पद्मप्रभुस्तवनम् पद्य संख्या-16. पृष्ठ -11 एवं 12. 444. वही, पद्य संख्या-24 पृष्ठ 19. 445. जिनोपदेश, पद्य 13, 16, 18. 446. जिनोपदेश पद्य-39. 447. पद्मप्रभुस्तवनम् पद्य 7, 8, एवं 14. 448. जिनोपदेश, पद्य 3, 13, 16. 449. पद्मप्रभुस्तवनम् 3, 24. 450. जिनोपदेश पद्य 10. 451. जिनोपदेश पद्य 83. 452. पद्मप्रभुस्तनम् पद्य 13 453. जिनोपदेश पद्य 41. 66 454. पद्मप्रभुस्तवनम् पद्य 2. 455. पद्मप्रभुस्तवनम् पद्य 7. 456. पद्मप्रभुस्तवनम् पद्य 12. 457. वर्णी अभिनन्दन ग्रन्थ-सम्पादक-खुशालचन्द्र गोरावाला, प्रकाशक श्रीवर्णी हीरक
जयन्ती महोत्सव समिति, सागर, (म. प्र.) आश्विन, 2476 वीर नि. संवत् के पृष्ठ
66-67 से सन्दर्भित पद्य 11. 458. "बुन्देलखण्ड सद्गुरुः श्री वर्णी च"-पद्य 1. 459. वही-पद्य 10. 460. ."बुन्देलखण्ड सद्गुरुः श्री वर्णी च"-पद्य-14. 461. वही-पद्य 19. 462. जैनादर्श-पद्य-3
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