Book Title: 20 Vi Shatabdi Ke Jain Manishiyo Ka Yogdan
Author(s): Narendrasinh Rajput
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
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299
3.
(प.) अभिनन्द
4.
(पं.) अप्यय दीक्षित
5.
(आ.) उमास्वामी
(पं.) केदारभट्ट
7.
(आ.)कुन्थुसागर
8.
(आ.) कुन्थुसागर
9. (आ.) कुन्थुसागर
10. (आ.) कुन्दकुन्द
11. (पं.) कपिलदेव द्विवेदी
। रामचरित, प्रका. गायकवाड ओरियण्टल
"सीरीज, अहमदाबाद । : कुवलयानन्द, प्रका.- चौखम्बा प्रकाशन,
वाराणसी : तत्त्वार्थ - सूत्रम्, संपा.-पं. पन्नालाल जी
साहित्याचार्य, प्रका.- मूलचन्द्र किशनदास . कापड़िया, सूरत, 2472 वी.नि. : वृत्तरत्नाकर, प्रका. - मोतीलाल
बनारसीदास, वाराणसी, 1966 ई. : शान्ति सुधा-सिन्धु, प्रका:-आ.कुन्थुसागर
ग्रन्थमाला, सौलापुर श्रावक धर्म प्रदीप, प्रका.- श्री गणेश प्रसाद वर्णी, जैन ग्रन्थमाला, वाराणसी, 2481
वी.नि. : सुवर्ण-सूत्रम्, प्रका.- आ. कुन्थसागर
ग्रन्थमाला, सोलापुर, 1941 ई. : प्रवचनसार, संपा.-डा. ए. एन. उपाध्ये,
प्रका.-श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल,अगास, 1944 ई. संस्कृत साहित्य का समीक्षात्मक इतिहास, प्रका.- शान्ति निकेतन, ज्ञानपुर, वाराणसी, 1979 ई. . अवदान शतक, .
प्रका.-कैम्बिल, 1886 ई. : वर्णी अभिनन्दन ग्रन्थ, प्रका.श्री वर्णी हीरक
जयन्ती महोत्सव समिति, सागर, 2476 वी.
नि. : छन्दो मञ्जरी. प्रका. चौखम्बा प्रकाशन
वाराणसी 1959 ई. : बहत्कथा, प्रका. चौखम्बा प्रकाशन
वाराणसी, : उत्तरपुराण, प्रका. भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन,
वाराणसी, 1968 वि.सं. : महापुराण
प्रका. भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन
वाराणसी, 1968 वि. सं. : जैनादर्श, प्रका. अनेकान्त (मासिक पत्र)
वीर सेवा मन्दिर, सरसावा, 1947 ई.
12. (डा.) कावेल तथा नील . 13. (पं.) खुशालचन्द्र गौरावाला
14. (पं.) गङ्गादास
15. (महाकवि) गुणाढ्य
16.
(आ.) गुणभद्र
17. (आ.) गुणभद्र
18. (पं.) जुगलकिशोर मुख्तार
:
जै
मुख्तार
“युगवीर" "
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