Book Title: 20 Vi Shatabdi Ke Jain Manishiyo Ka Yogdan
Author(s): Narendrasinh Rajput
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
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134. सम्यक्त्वसार शतकम्, 14 पद्य, पृष्ठ 29 135. काव्यप्रकाश 10/155/378 136. जयोदय, 3/57/161 137. वीरोदय 1/18/8 138. सुदर्शनोदय 6/1/112 139. दयोदय 6/7/116 140. सम्यक्त्वसारशतकम् पद्य 35 पृष्ठ 76 141. श्री समुद्रदत्त चरित्र 3/3-5/24-25 . 142. जयोदय 7/36/347 143. काव्यप्रकाश 10/109 144. जयोदय 28/83/284 145. वीरोदय, 5/22 146. श्रीसमुद्रदत्त चरित्र 3/44/37 147. वीरोदय 5/34/89 148. काव्यप्रकाश 10/119 (अ) सुदर्शनोदय 1/33/16 (ब) वीरोदय 2/39-48 एवं 49
(स) श्री समुद्रदत्त चरित्र 6/3/61 149. काव्यप्रकाश 10/153/375 (अ) वीरोदय 3/12/43 (ब) जयोदय 10/46/478 150. काव्यप्रकाश 10/200/435 (अ) जयोदय, 8/8/285 (ब) वीरोदय 2/30/28 151. काव्यप्रकाश 10/148/367 (अ) वीरोदय 4/23/65 (ब) जयोदय 8/65/409 152. काव्यप्रकाश 10/149/368 (अ) सुदर्शनोदय 9/52/181 153. काव्यप्रकाश 10/168/398 (अ) सुदर्शनोदय 3/26/52 (ब) जयोदय 13/72/648 154. काव्यप्रकाश 9/103/307 (अ) जयोदय 5/18/226 (ब) वीरोदय 10/12/56 155. काव्यप्रकाश 9/85 156. जयोदय 1/113 157. वही, 2/160 158. वही, 3/116 159. वही, 4/68 160. वही, 5/106 161. वही, 6/134 162. वही, 7/115 163. वही, 8/95 164. वही 9/95 165. वही 10/121 166. वही 11/115 167. वही 12/157 168. वही 13/116 169. वही 14/99 170. वही 15/108 171. वही 16/84
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