Book Title: 20 Vi Shatabdi Ke Jain Manishiyo Ka Yogdan
Author(s): Narendrasinh Rajput
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
View full book text
________________
110
53. 54.
61.
48. ज्ञानोदय पद्य संख्या 68 पृष्ठ 28-29 49. ज्ञानोदय पद्य संख्या 71 पृष्ठ 30-31
ज्ञानोदय पद्य संख्या 77 पृष्ठ 32-33 51. ज्ञानोदय पद्य संख्या 80 पृष्ठ 32-33
ज्ञानोदय पद्य संख्या 85 पृष्ठ 34-35 ज्ञानोदय पद्य संख्या 87 पृष्ठ 36-37
ज्ञानोदय पद्य संख्या 95 पृष्ठ 38 55. · ज्ञानोदय पद्य संख्या 100 पृष्ठ 41 56. ज्ञानोदय पद्य संख्या 99, पृष्ठ 40-41
ज्ञानोदय मङ्गल कामना पद्य 4 पृष्ठ 42 हरिणनदी के किनारे अवस्थित जबलपुर जिले की पाटन तहसील में कोनी क्षेत्र को विगत कतिपय वर्षों से कुण्डलगिरी के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त हुई है और आचार्य श्री ने यहीं पर अपनी इस रचना को पूर्ण किया है।
ज्ञानोदय, (स्थान और समय परिचय) पद्य 1-2 पृष्ठ 42 60. सुनीति शतक - आचार्य विद्यासागर, प्रकाशक - विद्यासागर बाड़ी, ब्यावर (राजस्थान)
वि. सं. 2044 सुनीति शतक पद्य 7 पृष्ठ 10 सुनीतिशतक पद्य 31 पृष्ठ 22
निर्ग्रन्थ साहित्य प्रकाशन समिति, कलकत्ता, से प्रकाशित हुआ है। . 64. श्रमणशतकम्, श्लोक 16
श्रमणशतकम्, श्लोक 99 भावनाशतकम् - प्रकाशक - निर्ग्रन्थ साहित्य प्रकाशन समिति, कलकत्ता, सन् 1979ई. शब्दस्तोम महानिधि : पृष्ठ 308 तत्त्वार्थ सूत्र 6/24 भावनाशतकम्, पद्य 28, पृष्ठ 19 भावनाशतकम्, पद्य 70, पृष्ठ 46 भावनाशतकम्, पद्य 94, पृष्ठ 61 मुकमाटी: आचार्य विद्यासागर : प्रकाशक - भारतीय ज्ञान पीठ नई दिल्ली, लोकोदय ग्रन्थमाला क्रमांक 465, सन् 1988 (प्रथम संस्करण) शान्तिसुधासिन्धु, आ. कुन्थुसागर, प्रकाशक पं. वर्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री, मंत्री श्री आ. कुन्थुसागर ग्रन्थमाला, पुष्प 22, दिसं. 1949
शान्ति सुधा सिन्धु 1.52.42 75. शान्ति सुधासिन्धु 2.173.139 76. शान्तिसुधासिन्धु 3/259/209 77. शान्तिसुधासिन्धु 4/303/248 78. शान्तिसुधासिन्धु 4/353/289 79. समस्त दोषों से रचित आत्मा निरञ्जन है ।
67.