Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 627
________________ ५५० अग्गला-अच्छ अग्गला [अर्गला] रा० १३०. जी० ३।३०० अग्गसिहर [अग्रशिखर] ओ० ५,८. रा० ३२. जी० ३।२७४,३७२ अग्गसो [अग्रशस् ] जी० ११५८,७३,७८,८१ अग्गहत्य [अग्रहस्त] ओ० ४७. रा० १२,७१४, ७५८ से ७६१. जी० ३।११८ अग्गि [अग्नि ] ओ०४८,१८४. रा० ७६१.. जी० ३१६०१, ८६६ अग्गेज्म [अग्राह्य] ओ०८ अग्गोदय [अग्रोदक] जी० ३१७३३ अचंड [अचण्ड] जी० ३१५६८ अचक्खुदंसणि [अचक्षदर्शनिन् ] जी० ११२६,८६, ६०; १३१,१३३,१३७,१४० अचरिम [अचरम] रा० ६२. जी० ६।६३,६५,६६ अचवल [अचपल] रा० १२ अचित्त [अचित्त ] ओ० २८,४६,६६,७०. रा०७७८ अचिर [अचिर] जी० ३।५६० अचोक्स [दे० अचोक्ष] रा० ६,१२. जी० ३।६२२ -अच्च [अ]-अच्चेइ ओ०२. रा० २६१. जी० ३१५१६- अच्चेति जी० ३२४५७ अच्चंत [अत्यन्त ] ओ० १४. रा० ६७१ अच्चणिज्ज [अर्चनीय] ओ० २. रा० २४०,२७६. ___ जी० ३।४०२,४४२,१०२५ अच्चणिया [अर्चनिका] रा०६५४,६५५. जी० ३।४६३,४६६,५१७,५५४,५५५ अच्चा [अर्चा] ओ० ७२ अच्चासण्ण [अत्यासन्न] ओ० ४७,५२,८३. रा० ६०,६८७,६६२,७१६ अच्चि [अचिस् ] ओ० ४७,७२. रा० १७,१८,२०, ३२,१२६. जी० ११७८,३८५,१७५,२८८, ३००,३७२ अच्चिकंत चिःकान्त ] जी० ३११७५ अच्चिकूड [अचि.कूट] जी० ३।१७५ अच्चिज्य [अचिर्ध्वज] जी० ३३१७५ अच्चिप्पभ [अचिःप्रभ] जी० ३।१७५. अच्चिमालि [अचिर्मालिन् रा० १२४ अच्चिमाली [अचिर्मालिनी] जी० ३।६२०,१०२३, १०२६ अच्चियावत्त [अचिरावर्त] जी० ३।१७५ अच्चिलेस्स [अचिर्लेश्य ] जी० ३।१७५ अच्चिवण्ण [अचिर्वर्ण] जी० ३३१७५ अच्चिसिंग [अचिः शृङ्ग) जी० ३।१७५ अच्चिसिट्ट [अर्चिः शिष्ट] जी० ३।१७५ अच्चुत [अच्युत] जी० ३।१०३८,११२२ अच्चुत्तरवडिसग [अचिरुत्तरावतंसक] जी० ३३१७५ अच्चुय [अच्युत] ओ० १५८,१५६,१६२,१६०, १६२. जी० २१९६३।१०५४,१०५५,१०६२, १०६६,१०७४,१०८८,१०६१,११११,१११२, १११५,१११६ अच्चुयवइ [अच्युतपति] ओ० ५१ अच्चेत्ता [अचित्वा] रा० २६१. जी० ३।४५७ अच्चोवग [अत्युदक] रा० ६,१२. जी० ३।४४७ अच्चोयग [अत्युदक] रा० २८१ अच्छ [अच्छ] ओ० १२,१६४. रा० २१ से २३. ३२,३४,३६,३८,१२४ से १२८,१३१,१३२, १३४,१३७,१४१,१४५ से १४८,१५० से १५३,१५५ से १५७,१६०,१६१,१७४,१८० से १८५,१८८,१६२,१६७,२०६,२११,२१८, २२१,२२२,२२४,२२६,२३०,२३३,२३८, २४२,२४४,२४६,२५३,२५६,२६१,२७३, २६१. जी० ३।११८,११६,२६१ से २६३, २६६,२६८,२६६,२८६,२८६ से २६७,३०१, ३०२,३०४,३०७,३०८,३१२,३१८,३१६, ३२३ से ३२६,३२८ से ३३०,३३२,३३४, ३३७,३४७,३४८,३५२,३५३,३५५,३६१, ३६५,३७२,३७७,३८०,३८१,३८३,३८५, ३६२,३६५,३६६,४००,४०४,४०६,४०८, ४१०,४१३,४१४,४१८,४२२,४२५,४२७, ४३७,४५७,६३२,६३६,६४४,६४६,६४६, ६५५,६६१,६६८,६७१,६७५,६८६,७२४, ७२७,७३६,७५०,७५८,८३६,८४२,८५४, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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