Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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चोयाल-छरु
चोयाल [चतुश्वत्वारिंशत् ] जी० ३,८३० चोयासव [दे० चोयासव] जी० ३१८६० चोर [चोर] ओ० ११७ रा० ७५४,७५६,७६२
छत्त [छत्र] ओ० २,१६,५२,५७,६३ से ६५,
६७,६६,७०. रा० १५६,१७३,२७६,६८१ से ६८३,६६१,६६२,७००,७१५,७१६,७१६. जी० ३।२६६,२८५,३३२,३५५,४१६,४४५.
५६६,५९७,६०४ छत्तज्झय [छत्रध्वज] रा० १६२. जी० ३१३३५ छत्तधारपडिमा [छत्रधारप्रतिमा] जी० ३१४१६ छत्तधारगपडिमा [छत्रधारकप्रतिमा ] रा०२५५ छत्तय [छत्रक] ओ० ११७ छत्तलक्खण [छत्रलक्षण औ० १४६. रा० ८०६ छत्ताइच्छत्त [छत्रातिछत्र] रा० २०२,२०४,
२०५
चोरकहा चोरकथा] ओ० १०४,१२७ चोवत्तरि [चतु.सप्तति ] जी० ३१७३३
(छ) छ [षष् ] रा० १७३ जी० ११४६ छउमत्थ [छद्मस्थ] ओ० १६६,१७०. रा० ७७१.
जी० १११२६; ३।६६३,३।६६७; ६,३६,४२ से
४४,४६,५१ छउमत्थपरियाग [छद्मस्थपर्याय ] ओ० १६६ छंद [छन्द] ओ० ६७ रा० ७२० छकोडीय [षट्कोटीक] जी० ३।४०१ छगल [छगल ] ओ० ५१ जी० ३.१०३८ छज्जीवणिया [षट्जीवनिका ] ओ० ७४।३ छ? [षष्ठ ] ओ०६७,१४४,१७४,१७६, रा.
८०२ छळंछ? [षष्ठंषष्ठ] ओ० ११६ छट्ठभक्त [षष्ठभक्त] ओ० ३२ छट्ठा [षष्ठी ] जी० २।१३५,१३८; ३।२,६१
छट्ठिया[षष्ठिका] जी० ३।१२५ छट्ठी [षष्ठी] जी० २११४,१४६ ; ३।४,३६.७१
७४,७५,७७,८८,११११ छडिय [छटित] रा० १५० जी० ३।३२३ छिड्ड [छर्दय्, मुच्] - छड्डेति. रा० ७७४
छड्डेस्सामि. रा०७७३-छड्डेहि रा०
७७४ छड्डियल्लिया [छदिता ] ओ० ६२ छडेत्तए [छर्दयितुम् ] रा० ७७४ छड्डत्ता [छदित्वा] H० ७७४ छण्ण |छन्न ] जी० ३।२७५ छण्णउय [षण्णवति ] जी० ३१८२० छण्णालय [दे० षण्णालक] ओ० ११७
छत्ताइछत्त [छत्रातिछत्र] ओ० १२. रा० १३७,
२२६. जी० ३।२६१,३१४,३५७,३७१,३७५,
४३३ छतातिच्छत्त [छत्रातिछत्र] रा० ५२,५६,२०६,
२३१,२४७,२४८,२५०,२५६ छत्तातिछत्त [छत्रातिछत्र] रा० २३,१६८,१७६,
२०७,२०८,२२०,२२३,२३२,२३४,२६१, जी० ३३०७,३४६,३५६,३६७ से ३७०, ३७६,३८२,३६१,३६३,३६४,३६६,४०३,
४११,४२०,४२४,४३०,४३६,६६६ छत्तीस [षत्रिंशत् ] ओ० १६. रा० २४०. जी०
३७१० छत्तोव [छत्रोप] ओ० ६,१०. जी० ३१५८३ छत्तोवग [छत्रोपक] जी० ३।३८८ छप्पण्ण [षट्पञ्चाशत् जी० ३।३०० छप्पन्न [षट्पञ्चाशत् रा० १३० जी० ३।५६८ छप्पय [षट्पद] ओ० ६. रा० १३६,१७४. जी०
३।११८,११६,२७५,२८६,३०६ छब्भाग षड्भाग] ओ० १६५ छब्भामरी [षड्भ्रामरी रा० ७७ छम्मासिय [पाण्मासिक ओ० ३२ छयाल [षट्च वाशित्] जी० ३८१५ छरु सरु ] ओ० १६. जी. ३५६६
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