Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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७०८
७३२, ७३७,७३८, ७४६, ७६८, ७७७,७६१, ७६३. जी० ३।४४१, ४४२
गुलिया [ मनोगुलिका] रा० १५३, २३५, २५८,२७६. जी० ३।३२६,३५५, ३६७,६०२ मणोज्जगुम्म [ मनोज्जगुल्म ] जी० ३।५८० मणो कूल [ मनोनुकून ] जी० ३१५६४ मण माणस [ मनोमानसिक ] रा० ८१५ मणोरम [ मनोरम ] जी० ३.६३४ मनोरमा [ मनोरमा ] जी० ३६२० मोरह [ मनोरथ ] ओ० ६६ मणोलिक | मनःशिलक ] जी० ७४५ मनोसिल | मनःशिलक [ जी० ७४५ मोसिलय [ मनःशिलक ] जी० ७३४,७४६ मोसिला [ मनःशिला ] रा० १६१,२५८,२७६. जी० ३।३३४,४१६,७४७
मणोसिला ढवी | मनःशिला पृथ्वी ] जी० ३।१८५.
१८६
मनोहर | मनोहर ] रा० ७६, १७३. जी० ३।२६५,
२८५
मति | मति | जी० ३।११५, ११६ मतिअण्णाणि [ मत्यज्ञानिन् ] जी० ३ १०४,११०७,
१६७,२०२
मत्त | अमत्र ] जी० ३ । ११२८, ११३० मत्त | गत ] ० १,६,२६,५७,६४. रा० १४८, २८८. जी० ३।११८, ११६, २७५, ३२१,४५४ मत्तंग [ मत्ता ] जी० ३१५८६ मत्तयविलंबिय] [ माजविलम्बित | रा० ६१ मत्तय विसिय [जविलसित] ० ६१ मत्तह्यविलंबिय | मतह्यविलम्बित ] रा० ६१ मत्तयविलसित | मत्तह्यविलगित | रा० ६१ मत्थगसूल [भस्तकशूल | जी० ३।६२८ मत्थय | मस्तक | ओ० २०, २१, ५३, ५४,५६,६२, ११७.०८, १०, १२, १४,१८,४६,७२,७४, ११८,२७६,२७६.२८२,२६२,६५५,६८१, ६८३, ६५ ६, ७०७,७०८,७१०,७१३, ७१४,
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मोगुलिया-मल
७२३,७७४,७६६. जी० ३।४४२, ४४५, ४४८, ४५७,५५५
मद [मद ] जी० ३८६० मद्दण [ मर्दन ] ओ० १६१,१६३ मध्य [ मर्दक ] जी० ३।५८६ मद्दल [ मर्दल ] रा० ७७
मद्दव [ मार्दव ] ओ० २५,४३. रा० ६८६,८१४. जी० ३१५६८,७६५, ८४१
मधु [ मधु ] जी० ३:८६०
मधुर [ मधुर ] जी० ३।२८५ ममत्तभाव [ ममत्वभाव ] जी० ३३६०८ मम्स | मर्मन् ] रा० ७६३
मय [ मृत ] रा० ७६२. जी० ३१६४ मसाला [ दे० ] ओ० ६. जी० ३।२७५ सयणिज्ज [ गदनीय] ओ० ६३. जी० ३ ६०२, ८६०,८६६,८७२,८७८
House [मृतपतिका ] ओ० ६२ मयर [ मकर] ओ० ४८
मयरंडापविभक्ति | मकराण्डकविभक्ति ] रा० ६४ √ मर (मृ] - - मरंति जी० १५३ [ मरकत ] ओ० १३
मर
मरण [ मरण] ओ० २५,४६,७४,१७२.१६५३८, १२. रा० ६८६
is | मीनि] जी० ३११२२
मरोइया | मरीचिका ] रा० २१, २३, २४,३२,३४, ३६,१२४,१४५
मरीचिया | मरीचिका ] ओ० १६४ मरीतिक | मरीचिकत्रच ] रा० ३२ भरुंडी [ मरुण्डी] ओ० ७० मरुपक्खंदोलग [मरुपक्षान्दोलक ] ओ० ६० मरुपडियग [ मरुपतिक ] ओ० ६० मरुया [ महबक, मरुत्तक ] रा० ३० जी० ३२८३ मल | मल | ओ० ८६,६२. जी० ३५६८ √मल [ मृद् ] - मलइज्जइ. रा० ७८५
१. मुरंडी ( रा० ८०४ ) !
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