Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 799
________________ ७२२ रोम [ रोमन् ] ओ० ६२. जी० ३१५६७ रोमराइ [ रोमराज ] ओ० १६. रा० २५४. जी० ३,४१५,५६६, ५६७ रोमसुह (रोमसुख ] ओ० ६३ रोव [ रुच्) रोएज्जा रा० ७५० - रोएमि. रा० ६६५ रोरुप [रोरुक ] जी० ३।१२,११७ रोहिणिय [रोहिणिक ] जी० ११८८ रोहिणी [ रोहिणी ] जी० ३६२१ रोहितंसा [रोहितांशा ] जी० ३।४४५ रोहिया [ रोहिता ] रा० २७६. जी० ३४४५ रोहियंसा | रोहितांशा ] २० २७६ ल लउड | लकुट ] जी० ३।११० लय [ लकुच ] ओ० ६ से ११. जी० १।७२; ३।५८३ लडल [ लकुट ] ओ० ६४ लउलग्ग [ लकुटाग्र] जी० ३१८५ उसिया [ लाओसिया, लउसिया | अ० ७०. रा० ८०४ ख [ ] ओ० १,२ लखपेच्छा [लङ्खप्रेक्षा ] ओ० १०२,१२५. जी० ३।६१६ लंघण [ लङ्घन ] रा० १२,७५८,७५६. जी० ३।११८ ias [लान्तक ] ओ० ५१,१६२. जी० ३।१०३८, १०५०, ११११ it [लान्तक ] ओ० १५५. जी० २।१४८, १४६ ३ १०६०, १०६६, १०६८, १०७६, १०८८, १०६५,११०३ लंबत [ लम्बमान ] जी० ३।५६१ बिग | लम्बितक] ओ० ६० लंबूस [लम्बूस ] रा० ४०,१३२,१६१. जी० ३ २६५,३०२.३१३, ३६७ लक्खण [ लक्षण | ओ० १४, १५, १६,४३, १४३, Jain Education International रोम- ललिय १६५।११. रा० १३३,६७२, ६७३,७७४, ८०१. जी० ३।३०३,५६६,५६७ लक्खारसग [ लाक्षारसक ] रा० २७ लक्खारसय [ लाक्षारसक ] जी० ३।२८० लग्ग [ लग्न ] ओ० २३ लच्छी [ लक्ष्मी ] ओ० ६५ लज्जा [ लज्जा ] ओ० २५ लज्जा संपण्ण [ लज्जासम्पन्न ] ओ० २५. रा० ६८६ लज्जु | लज्जावत् ] ओ० १६४ लट्ठ [ लाट ] ओ० १,१६,६३. रा० ३२, ५२, ५६, २३१,२४७. जी० ३ ३७२, ३६३, ४०१, ५६६, ५६७ लट्ठदंत [लष्टदन्त ] जी० ३।२१६ fe [] ओ० ६४ लडह [ दे० ] ओ० १६. जी० ३ । ५६६, ५६७ ह [ श्लक्ष्ण] ओ० १२,१६४. रा० २१,२३, ३२, ३४,३६,१२४, १४५,१५७. जी० ३।२६१, २६६,२६६ लता [लता ] जी० १६६; ३।१७३,३५५ लत्तिया [ दे० ] रा० ७७ लब | लब्ध ] ओ० २०, ४६, ५३, १२०, १५४,१६२, १६५,१६६. रा० ६३, ६५, ६६७, ६६८,७१३, ७५२,७६५, ७६६,७७०,७८६,७६७, ८१६ लद्धपच्चय [ लब्ध प्रत्यय ] रा० ६७५ लभ [लम् ] - लब्भति. रा० ७७४ - लभइ. रा० ७१६. - लभेज्ज. रा० ७१६ लय | लप ] रा० ७६,१७३. जी० ३।२८५ लया [लता ] रा० १३६. जी० ३।३०६,६३९ लयाघरग [ लतागृहक] २१० १५२, १८३. जी० ३२६४ लयाजुद्ध [ लतायुद्ध ] ओ० १४६. रा० ८०६ लयापविभति [ लताप्रविभक्ति ] रा० १०१ √ लल [लल् ] -ललंति. रा० १८५. जी० ३:२१७ ललिय [ ललित ] ओ० १५,५७,६३. रा० ५०,७६, १७३,६७२. जी० ३।२८५,५६७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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