Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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समुच्छिण्णकिरिय-सम्मत्तकिरिया
समुच्छिण्णकिरिय [समुच्छिन्नक्रिय] ओ० ४३ समुद्रित [समुत्थित] जी० ३१३०३ समुट्ठिय [समुत्थित रा० १३३,६७१ समुदय [समुदय ] ओ० ६७. रा० १३,४०,१३२,
६५७,८०३,८०५. जी० ३।३०२,४४६,५९१ समुद्द [समुद्र] ओ० १७०. रा० १०,१२,५६,
२७६,६८८. जी० ३८६,२१७,२१६ से २२७, २५६,२६०,३००,३५१,४४५,५६६,५६६ ५७१ से ५७६,६३८,७०४ से ७०८,७१०,७११, ७१३ से'७२३,७२६,७२८ से ७३१,७३३,७३६, ७३६ से ७४१,७४५,७४७,७५०,७५४,७६१, ७६२,७६४ से ७६६,७७२ से ७६६,८००, ८०३,८०४,८०६,८१० से ८१६,८१८ से ८२१, ८३८२६,८४८ से ८५१,८५४ से ८५६, ७५६,८६०,८६२,८६५,८६६,८६८,८७१, ८७२,८७४,८७७,८७८,८८०,६२५,६२७, से ६३५,६३८,८३६,६४३ से १४६,६४६ से ६५२,६५५,६५८,६६१,६६३ से ६६६,६६६,
९७२ से ९७५ समुद्दग [समुद्रग] जी० ३१७७५,७७८ समुद्दलिक्खा [ समुद्रलिक्षा] जी० ११८४ समुपविट्ठ [समुपविष्ट ] जी ३।२८५ समुप्पज्ज [सं+उत् + पद्]-समुपज्जित्या. रा०६-समुप्पज्जइ. ओ० १५६–समुप्प- ज्जति. जी० ३३५६६—समुप्पज्जित्था. रा० ६८८. जी ३।४४१.–समुप्पज्जिहिति. ओ०
१५३. रा० ८१४ समुप्पण्ण [समुत्पन्न] ओ० ११६ १५७. रा०
२७६,७३८,७४६. जी. ३।४४२ समुप्पण्णकोऊहल्ल [समुत्पन्नकौतूहल] ओ०८३ समुप्पण्णसंसय [समुत्पन्नसंशय] ओ० ८३ समुप्पण्णसट्ट [समुत्पन्नश्रद्ध] ओ० ८३ समुप्पन्न[समुत्पन्न ] जी० ३।२३६ समुवागत [समुपागत] जी० ३।६१७ समुग्विट्ठ [समुपविष्ट ] रा० १७३ समुस्सिय [समुत्सृत] रा० ५१
समूसिय [समुच्छ्रित] ओ० ६४ समूह [ समूह] रा० १२३ समोगाढ [समवगाढ ] ओ० १६५९. जी० ३८४५ समोयर [सं-अव-तु]-समोयरंति. जी०
३।१७४ समोसढ [समवसृत] ओ० ५२,५३. रा० ६,
६८७,६८६,७१३ समोसर [सं+अव। स] समोसरह. रा०
७००-समोसरिज्जा. ओ० २१-समोसरिस्सामि. रा० ७०३ समोसरिस्सामो. रा०
७०५ समोसरण [समवसरण] रा० ७५,८०,८२,११२,
७४८ से ७५०,७७३ समोसरिउकाम [समवसर्तुकाम] ओ० १६,२० समोहण [सं-+अव+ हन् ]–समोहणंति, ओ०
१७१-समोहणिसु. जी० ३।१११३
-समोहणिस्संति. जी० ३।१११३ समोहणित्ता [समवहत्य] रा० १०. जी० ३।४४५ समोहण्ण [सं-+अवहन-समोहण्णइ. रा०
१८-समोहण्णंति. रा० १०. जी० ३१४४५ समोहत [समवहत] जी० १।१२८ ; ३।१५८,
२००,२०१,२०६,२०७ समोहतासमोहत [समावहतासमवहत ] जी०
३२०२,२०३,२०८,२०६ समोहय समवहत] ओ०१६६. जी० १५३,६०,८७ सम्म [सम्यक् ] ओ० १६२. रा०६७१,६६८,
७०३,७१८,७२६,७३१,७३२,७३७,७५०
से १५२,७७७,८७०,७८६ सम्मज्जग [सम्भग्नक] ओ० ६४ सम्मज्जित [सम्माजित ] जी० ३।४४७ सम्मज्जिय [सम्माजित] ओ० ५५,६० से ६२.
जी० ३१४४७ सम्मट्ठ [सम्मृष्ट ] ० ५५. जी० ३।४४७ सम्मत्त [सम्यक्त्व ओ० ४६ सम्मत्तकिरिया [सम्यक्त्वक्रिया] जी० ३१२१०
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