Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 839
________________ सीत-सीहासण ७६२ सीत [शीत] जी० ३१२२,११३,११४,११८, ११६ सीतल [शीतल] जी० ३३११८,११६ सीतवेदणा [शीतवेदना] जी० ३।११२ से ११४, सीता [शीता] रा० २७६. जी० ३१३००,६३२, ६३६,६६८,७४६ सोतीभूय [शीतीभूत] जी० ३३११८ सीतोदय [शीतोदक] जी० ११६२ सीतोदा [शीतोदा] रा० २७६. जी० ३१७४६, । ८१४ तीतोसिण [शीतोष्ण] जी० ३।११२,११५ सीषु [सीधु] जी० ३।५८६,८६० सीमंकर [ सीमङ्कर] ओ० १४. रा० ६७१ सीमंतोवणयण सीमन्नोपनयन] जी० ३१६१४ सीमंधर [सीमन्धर] ओ० १४. रा० ६७१ सीमा [सीमा] ओ०१ सीय शीत ] ओ० ४,८६,११७. रा० १७०,७०३, ७६६. जी० ३.११२,११३,११५,११८,११६, २७३ सीय [सित] ओ० १६५ सीयच्छाय [शीतच्छाय] ओ० ४. रा० १७०, ७०३. जी. ३।२७३ सीयकूड [शीतकूट] जी० ३।११६ सीयपडल [शीतपटल] जी० ३।११६ सोयपुंज [शीतपुञ्ज] जी० ३।११६ सोयभूय [शीतीभूत ] जी० ३।११८,११६ सीयल [शीतल] रा० १५६,१७४,६७०. जी० ३१२८६,३३२,६०४ सोयवेदणिज्ज [शीतवेदनीय] जी० ३।११६ सीयवेयणिज्ज [शीतवेदनीय] जी० ३।११६ सीया [शीता] जी० ३।४४५,८०० सीया [शिबिका] ओ० १,१००,१२३. रा० १७३. जी० ३।२७६,५८१,५८५,६१७ सील [शील] ओ० ४६ सीलइ [शीलजित् ] ओ०६६ सीलव्वय [ शीलव्रत] ओ० १२०,१४०,१५७. रा० ६६८,७५२,७८७,७८६ सीवण्णी [श्रीपर्णी] जी० ११७१ सीसगपाय [सीसकपात्र] ओ० १०५,१२८ सीसगबंधणसीसकबन्धन] ओ० १०६,१२६ सीसगभारग [सीसकभारक] रा० ७६०,७६१ सीसघडी [ शीर्षघटी] रा० २५४. जी० ३।४१५ सीसछिण्णग [शीर्षछिन्नक] ओ०६० सीसछिण्णय [ शीर्षछिन्नक] रा ० ७६७ सीसपहेलियंग [ शीर्षप्रहेलिकाङ्ग] जी० ३।८४१ सीसपहेलिया [शीर्षप्रहेलिका] जी० ३।८४१ सीसागर [सीसाकर] जी० ३।११८ सीह [शीघ्र] जी० ३।६८६ सीह [सिंह] ओ० १६,२७,४८. रा० २४,३७, ८१३. जी० ३।८४,८८,२७७,३११,५६६, ५९७,६२०,६३१,७८२,१०१५ सीहकण्ण [सिंहकर्ण] जी० ३।२१६ सीहकण्णी [सिंहकर्णी] जी० ११७३ सोहगति [शीघ्रगति] जी० ३।६८९ सोहघोस [सिंहघोष] जी० ३।५६८ सोहज्य [सिंहध्वज] रा० १६३. जी० ३।३३५ सोहणाय [सिंहनाद] ओ० ५२. रा० ६८७,६८८. जी० ३८४२,८४५ सोहणिक्कीलिय [सिंहनिष्क्रीडित] ओ० २४ सीहणिसाइ [सिंहनिषादिन् ] जी० ३।८३६ सोहनाद [सिंहनाद] जी० ३।४४७ सीहनाय [सिंहनाद] रा० २८१ सीहनिक्कोलिय [सिंहनिष्क्रीडित] ओ० २४ सीहपुच्छियग [सिंहपुच्छितक ओ०६० सोहमंडलपविभत्ति [सिंहमण्डलप्रविभक्ति] रा०६१ सोहमुह [सिंहमुख] जी० ३।२१६ सीहस्सर [सिंहस्वर] रा० १३५. जी० ३।३०५, ५६८ सीहासण [सिंहासन] ओ० १३,१६,२१,५४,६४. रा० ७,८,३७,३६,४१ से ४४,४७,५१,६७, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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