Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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संगोवंत-संठिति
१४७
संजयासंजय [संयतासंयत] जी०६।१४१,१४६,
संगोवंग साङ्गोपाङ्ग] ओ० ६७ संघ सङ्क] ओ० ४० रा० ३२,२०६ २११
जी०३७२ संघयण [संहनन] ओ० ८२,१८५ जी० ११४,
१७,८६,६५१२८,१३५, ३१६२,१२७।३,
५६८,१०६० संधयणि संनिन् ] जी० ११६५,१०१,११६,
१३०. ३।६२,१०६० संघरिससमुद्रिय संघर्षसमुत्थिन] जी० ११७८ संघवेयावच्च [गवैयावृत्य ] ओ० ४१ संघाइम सङ्घातिम] ओ० १०६,१३२,
रा० २८५ जो० ३।४५१,५६१ संघाड झाट रा० १४१,१६२ जी० ३।२६४
२६६.३१८,३५५ संघाडग सङ्घाटक ] रा० १६० संघातत्त सङ्घातत्व] जी० ३।१०६० संघाय सात ओ० ४७,७२. जी. ११७२।२,३ संघायत्त सातत्व जी० १११३५; ३।६२ संचय सञ्चय] ओ० ४६ जी० ३१५६८ सिंचाय सं+शक्]---संचाएइ. रा० ७५१
-----संचाएंति. रा० ७७४...संच एज्जा. जी० ३११६ -संचाएति. रा० ७५३
जी० ३।११८.. -संचाएमि रा०६६५ सिंचिट्ठ [सं+ष्ठा ---- संचिट्ठइ. रा० ७०१
-संचिटुति. रा० ६४ जी० ३.७२५ संचिट्ठणा [संस्थान] जी० ११४१ ; २१६२,८३,
८५,१५०,१५१; ५।२६, ६,७, ७८,८१३;
६।३,१६,३६,१५७,१६८,१८३,२६३ संछण्ण सञ्छन्न] जी० ३.११८,११६,२८६ संछन्न सञ्छन्न स० १७४ संजतासंजत | संयतासंयत जी० ६.१४४ संजमालया ओ० २१ से २४,४५,४६,५२,८२
रा० ८,६,६८६,६८७,६८६,७११,७१३,८१४,
८१७ संजमासंजम संयमासंयम ] ओ० ७३ संजय [संयत ] ओ० ४६ जी० ६।१४१,१४२,१४६
संजायकोऊहल्ल [संजातकोतूहल ] ओ० ८३ संजायसंसय [ सजातसंशय ] ओ० ८३ संजायसड्ढ [सञ्जातश्रद्ध] ओ० ८३ संजुत्त संयुक्त रा० ७५३,७६५ जी० ३५९२ संजोग [संय ग] ओ० २८,४६ संझब्भराग [ सन्ध्याभ्रराग] रा०२७ जी० ३.२८० संझा सन्ध्या] जी०३।६२६ संझाविराग सन्व्याविराग] जी ३१५८६ संठाण [संस्थान] ओ० ४७,५०,७२,८२,१७०.
१८६,१६४,१६।३,४,८ रा० १२४,१२७, १३२,१८५ जी० ११५,१४,७२,१२८,१३६; ३।२२,४८ से ५०,७८,८६,१२७।१,३,१२६।३, ४,२५७,२६०,२६१,२६७,३०२,३५२,५७७, ५६८,६०४,६३२,६६१,६८६,७०४,७२३, ७२६,७३६,७६६,८१०,८२१,८३१,८३६, ८४१,८४२,८४५,८४८,८५७,८५६,८६२, ८६५,८६८,८७१,८७४,८७७,८९०,८८२, ६११,६१८,६२५,१००८,१०७१,१०६१,
१०६२ संठाणओ [स्थानतस्] जी० ३।२५६ संठाणतो [संस्थानतस् ] जी० ३१२२ संठाणविजय [संस्थानविचय ] ओ० ४३ संठित [संस्थित] रा० १२४ जी० ३।२८ से ३२;
४८ से ५०,७८ ७६,८६,६३,२६०,२६१, २६७,३०२,३५२,५७७,५६७,६३२,६६१, ७०४,७०५,७६३,७६६,७९७,८१०,८११. ८२१,८२२,८३१,८३६,८४२,८४५,८४८, ८४६,८५७,८५६,८६२,८६५,८६८,८७१, ८७४,८७७,८८०,८८२,६११,६२५,१००८,
१०६१,१०६२ संहिति [संस्थिति] जी० ३।८११
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