Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 794
________________ मोपडिमा रत्तबंधुजीव मोडमा [मय' प्रतिमा] ओ० २४ atra [ मोचक ] ओ० १६ मोर [ मयूर ] रा० २६. जी० ३३२७६ मोल्ल [ मूल्य ] ओ० १०५,१०६ मसणजोग [ मृपामनोयोग ] ओ० १७८ मोसवजोग [ मृषावाग्योग ] ओ० १७६ मोसबंधि [ मृषानुबन्धिन् । ओ० ४३ मोह [ मोह ] ओ० ४६. ० ७७१ / मोह [ मोहय् ] मोहंति. जी० ३।२१७ -मोहेंति. रा० १८५ मोहधर [ मोहनगृह ] जी० ३।५६४ मोह घर [ मोहनगृहक] रा० १८२, १८३. जी० ३।२६४ मोहणिज्ज [ मोहनीय] ओ० ८५,८६ मोहणी [ मोहनीय] ओ० ४४ मोहरिय [ मौखरिक] ओ० ६५ य य [च] ओ० ३२. रा० ७. जी० ११२ यज्जुवेद [ यजुर्वेद ] ओ० ६७ या [च] रा० ७०५ र इ [रति ] ओ० ४६. रा० १५,८०६,८१० [ रचित ] ओ० १,२१,४६,५४,६४,१३४, १८२. रा०८,३२,६६, ७६, १३३, ७१४. जी० ३।३७२, ५६१,५६६,५६७ इ [रतिद] ओ० १६. जी० ३।५६६,५६७ रइय [रतिक ] ओ० ६३,६५ रइल [ रजस्वत् ] जी० ३।७२१ उग्घात [ रजउद्घात ] जी० ३।६२६ रंगत [ रङ्गत्] ओ० ४६ रक्त [ रक्षत् ] ओ० ६४ रक्खस [ राक्षस ] ओ० ४६, १२०, १६२. रा० ६६८, ७५२,७८६ रक्खसमहोरग गंधव्व मंडलपविभत्ति [ राक्षस महोरगगन्धर्वमण्डलप्रविभक्ति ] रा० ९० Jain Education International √ रक्खाव [ रक्षापय् ] - रक्खावेमि. रा० ७५४ रक्खोवग [ रक्षोपग] रा० ६६४ रगसिगा [रगसिका ] जी० ३२५८८ रचि [ रचित ] जी० ३।३०३ रज्ज [राज्य] ओ० १४,२३. रा० ६७१,६७४, ६७६.७६०, ७६१ ७१७ √ रज्ज [ रज्ज् ] -- रज्जिहिति. ओ० १५० रज्जधुराचित [ राज्यश्चिन्तक ] रा० ६७५ रज्जसिरी [राज्यश्री ] रा० ७६१ रज्जु [ रज्जु ] रा० १३५. जी० ३,३०५ रट्ठ [ राष्ट्र ] ओ० २३. रा० ६७४,७६०,७६१ [अरण्य] ओ०२८ रण [ रत्न ] जी० ३।३४६ रतणसंचया [ रत्नसञ्चया ] जी० ३।२२ तणुच्चा [रलोच्चया ] जी० ३।२२ रति [रति ] जी० ३।११८, ११६,५६७ रतिकर [रतिकर ] रा० ५६. जी० ३।६१८ से २२ रतिय [रतिद] जी० ३५६६,५६७ रतिय [रतिक ] जी० ३२८४२,८४५ रत्त [रक्त] ओ० ४७,५१,६६,७१,१०७,१२०, १३०,१६२. रा० २७,७६, १३३, १७३,२२८, ६६४,६८,७५२, ७७७,७७८, ७८८, ७८६. जी० ३।२८०, २८५, ३०३, ३८७, ५६२, ५६५ से ५६७,६७२ रतंय [ रक्तांशुक ] रा० ३७,२४५. जी० ३३११,४०७ रणवीर [ रक्तकणवीर ] रा० २७. जी० ३१२८० रक्तचंदण [ रक्तचन्दन ] ओ० २,५५. रा० ३२, २८१. जी० ३।३७२, ४४७ रततल [ रक्ततल ] ओ० १६,४७. जी० ३।५९६ रक्तपाणि [ रक्तपाणि] रा० ६६४. जी० ३।५६२ रक्तबंधुजीव [ रक्तबन्धुजीव ] रा० २७ जी० ३।२८० For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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