Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 788
________________ महापट्टण-महिंदकुंभ महापट्टण [ महापत्तन ] ओ० ४६ महापरिग्गहया [ महापरिग्रहता ] ओ० ७३ महापह [ महापथ ] ओ० ५२, ५५. रा० ६५४, ६५५,६८७,७१२. जी० ३।५५४ महापाताल [ महापाताल ] जी० ३।७२३,७२६ महापाल [महापाताल ] जी० ३।७२३ से ७२५, ७२६ महापुंडरीय [ महापुण्डरीक ] ओ० १२. जी० ३ | ११८, ११६ महापुंडरीयद्दह [ महापुण्डरीकद्रह ] जी० ३।४४५ महापुरिसनिपडण [महापुरुषनिपतन ] जी० ३ ११७,६२७ [ महापौण्डरीक ] ओ० १५०. रा० २३, १६७,२७६,२८८.८११. जी० ३।२५६,२६१ महाबल [ महाबल ] रा० १०६. जी० ३३८६, ३५०, ७२१,१११६ महाभद्दपडिमा [महाभद्रपतिमा ] ओ० २४ महाभरण [ महाभरण] रा० ६६,७० महमद [ महामति ] रा० ७६५,७३६,७७० महमति [ महामन्त्रित्] ओ० १८. रा० ७५४, ७५६,७६२,७६४ महापड महामहतराय [ महामहत्तरक] रा० ७७२ महामहिम [ महामहिमन् ] जी० ३।६१५,६१७ महामुह [ महामुख ] रा० १४८,२८८. जी० ३।३२१,४५४ महामे [महामेघ] ओ० ४,६३. रा० १७०, ७०३. जी० ३।२७३ महायस [ महायशस् ] ओ० ४७,७२. रा० १८६, ६६६. जी० ३८६,३५०,७२१,१११६ महारंभ [ महारम्भ ] जी० ३।१२६ महारंभया [ महारम्भता ] ओ० ७३ महारव [ महारव] ओ० ४६ महारुक्ख [ महारूक्ष ] जी० ३११७१ महारोरुय [ महारोरुक ] जी० ३।१२,११७ महालत [ महत्] रा० ५६० Jain Education International महालय [ महत्] ओ० २४,७१,७८. रा० ५२, ६१,६६३, ६६४,७६६, ७७२, ७७६, ७८७. जी० ३।१२,७७,११७,७२३,११३० महालयत्त [‍ [ महत्त्व ] जी० ३१२७ महालिंजर [ महालिञ्जर] जी० ३।७२३ महालिया [ महती ] रा० ७६६,७७२ महावत [ महावर्त ] ओ० ४६ महावा [ महावात ] रा० १२३ महाविजय [ महाविजय ] जी० ३।६०१ महावित्त [ महावृत ] रा० २९२. जी० ३।४५७ महाविदेह [महाविदेह ओ० १४१. रा० ७६६. जी० २ १४; ३।२२६ महाविमाण [ महाविमान ] ओ० १६७,१६२. रा० १२६ महावीर [महावीर ] ओ० १६ से २५,२७,४५, ४७ से ५३,५५,६२,६६ से ७१,७६ से ८३,११७. रा०८ से १३, १५,५६,५८ से ६५,६८,७३, ७४,७६,८१,८३,११३,११८, १२०, १२१, ७११ ६६८,८१७ महावेयणतर [ महावेदनतर ] जी० ३ । १२६ महासंग्राम [ महासंग्राम [ जी० ३ ६२७ महासत्यनिपडण [ महाशस्त्रनिपतन ] जी० ३।६२७ महासन्नाह [ महासन्नाह ] जी० ३।६२७ महासमुह [ महासमुद्र ] ओ० ५२. रा० ६८७. जी० ३८४२, ८४५ महासवतराय [महास्रवतरक ] रा० ७७२ महासुक्क [महाशुक्र ] ओ० ५१,१९२. जी० २६६, १४८, १४९, ३१०३८, १०५१, १०६१, १०६६, १६८, १०८६, १०८८ महासोक्ख [ महासौख्य ] ओ० ४७,७२,१७०. रा० १८६,६६६ महाहारतराय [महाहारत रक] रा० ७७२ महाहिमवंत [ महाहिमवत् ] रा० २७९. जी० ३।२८५, ४४५, ७६५ हिंद [ महेन्द्र ] ओ० १४. रा० ६७१,६७६ महिंदकुंभ [ महेन्द्रकुम्भ ] रा० १३१,१४७. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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